छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज 75 वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर जगदलपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया

रायपुर।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा हमारी पहचान है। हम ‘रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई’ का अनुसरण करते हैं। हमारी चेतना में एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन समाहित है, जो हमें मानव धर्म के लक्ष्यों के प्रति जागरूक रखता है। इनके रास्ते पर चलते हुए हम छत्तीसगढ़ के जन-जन का सपना पूरा करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज 75 वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। गणतंत्र दिवस का यह समारोह जगदलपुर के लालबाग मैदान में हर्ष और उल्लास के वातावरण में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद परेड की सलामी ली।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि आज के दिन, भारत के अमृत काल में, 75वें गणतंत्र दिवस के रूप में एक सुनहरी कड़ी जुड़ रही है। यह पावन अवसर हमारे देश के महान संविधान की सफलता का सबसे बड़ा पर्व है। इस अवसर पर मैं महान नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करते हुए देश को इस गौरवशाली मुकाम पर पहुंचाने वाली सभी विभूतियों को नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं छत्तीसगढ़ महतारी के महान सपूतों अमर शहीद गैंद सिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर को सादर नमन करता हूं, जिन्होंने हमारे प्रदेश को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा और पूरे छत्तीसगढ़ में त्याग-बलिदान, न्याय-समानता जैसे आदर्शों की अलख जगाई। उन्होंने राष्ट्रीय चेतना के विकास में आदिवासी अंचलों का अग्रणी योगदान दर्ज कराया था। बाद में इस राह पर चलकर प्रदेश के अनेक वीरों और राष्ट्र भक्तों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं प्रदेश और देश के विकास में योगदान दिया। ऐसी सभी विभूतियों को मैं सादर नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाया और स्वयं ही इस संविधान को अधिनियमित और आत्मार्पित किया था। भारत के सुनहरे भविष्य की आधारशिला 26 जनवरी 1950 को, हमारे संविधान को लागू करने के साथ रख दी गई थी। हमारा संविधान, अतीत के अनुभवों, वर्तमान की जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों का सफर बताता है कि हम एक सफलतम लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुए हैं। मैं आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों का पावन स्मरण करता हूं, जिन्होंने सामूहिक बुद्धिमत्ता से संविधान रचकर हमारे गणतंत्र को राह दिखाई। हमारा संविधान समस्त नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार-अभिव्यक्ति-विश्वास-धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता का अधिकार प्रदान करता है। इस तरह लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में भारत की पहचान, सफलता और अभूतपूर्व उपलब्धियों का परचम पूरी दुनिया में फहरा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों के कारण विगत लगभग एक दशक में देश ने सभी क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित की हैं, जिसके कारण एक ओर जहां प्रत्येक देशवासी का माथा गर्व से ऊंचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है। अनेक क्षेत्रों में अब भारत, विश्व का नेतृत्व कर रहा है। हमारे गणतंत्र की गौरवगाथा से देश और प्रदेश के विकास को नए पंख मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व और तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा देकर, छत्तीसगढ़वासियों को विकास के पंख प्रदान किए थे। इस प्रकार 1 नवम्बर 2000 से छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा शुरू हुई। 

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