छत्तीसगढ़

सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया वचुअर्ल शुभारंभ ….

कवर्धा। कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने बताया कि सकरी नदी का उद्गम ग्राम मुड़वाही है। कवर्धा जिले में सकरी नदी 59 गांवों से होकर 45 किलोमीटर की लंबाई में बहती है। समय के साथ सकरी नदी में गाद भरने के कारण नदी का प्रवाह वर्ष भरा नहीं होता है और बाधित हो गया है।

जिसे वर्ष भर प्रवाहित करने के लिए नदी के दोनों किनारों पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से विभिन्न प्रजातियों का वृक्षारोपण किया जाएगा साथ ही साथ वन विभाग, सिंचाई विभाग, उद्यानिकी विभाग, राजस्व एवं ग्रामीण पंचायत विभाग, कृषि विभाग एवं मनरेगा के द्वारा भी नदी के कटाव को रोकने के लिए विभिन्न संरचनाएं जैसे कटाव अवरोधक दीवाल, गेबियन, अग्रेनास आदि बनाएं जाएंगे।

जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्व में बनाए गए 17 एनीकट, स्टापडेम की भी मरम्मत का कार्य किया जाएगा और नदी में विभिन्न स्थानों पर गाद को हटाने का कार्य किया जाएगा। जिससे नदी का प्रवाह वर्ष भर हो सकेगा। सकरी नदी कवर्धा जिले से लेकर बेमेतरा जिले के दाढ़ी के पास हाफ नदी में मिल जाती है वहां तक उपचारित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कबीरधाम जिले के सकरी नदी को संरक्षित करने तथा नदी का बहाव अपने पूर्ण क्षमता पर लाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण के माध्यम से सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम की वचुअर्ल माध्यम से शुरूआत की। मुख्यमंत्री के साथ वन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्यमंत्री अमरजीत भगत उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वन एवं राजस्व भूमि में नदी तट वृक्षारोपण कार्य, निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण, वन क्षेत्रों में नरवा योजना के अंतर्गत कैम्पा मद से जल एवं मृदा संरक्षण कार्य तथा राजस्व क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत रोपण एवं संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा। इस एकीकृत परियोजना से कबीरधाम जिले के किसानों को घरेलू उपयोग तथा कृषि के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगी।

कार्यक्रम में सकरी नदी पुनर्जीवन पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में ग्राम अमरौड़ी से वचुअर्ल माध्यम से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य महेश चंद्रवंशी, क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य मुखीराम मरकाम, अगम दास अंनंत, कलेक्टर जनमेजय महोबे, वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह जुड़े रहे।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि राज्य शासन की मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। सकरी नदी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में तैयार मास्टर प्लान में कबीरधाम जिले क्षेत्र में प्रवाहित सीमा 45 किलोमीटर और नदी के तटीय 59 गावों को शामिल किया गया है। इस योजना का विस्तार करते हुए प्रतिवर्ष 400 एकड़ में अतिरिक्त पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।  सकरी नदी के  दोनों तटों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से होने वाले नुकसान के रोकने के लिए बहुगुणिय पौधा का रोपण किया जाएगा।

वनमंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह ने बताया कि करियाआमा से लेकर अंतिम प्रवाह क्षेत्र के शासकीय भूमि पर कैंपा, मनरेगा और अन्य योजनाओं से कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार निजी भूमि पर नदी के कटाव को रोकन नदी के संक्षण एवं संवर्धन को विशेष ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में शामिल किया गया है। इससे अनुउपयोगी भूमि में संबंधित किसानों के आय में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजन भी किया जाएगा।

नदी तट पर बहुगुणिय पौधे जैसे सफेद चंदन, रूद्राक्ष, टिशू सौगौन, टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया नीम, औषधीय एवं वाणिज्यिक पौधे स्टीविया, अश्वगंधा, सर्पगंधा, सतावर पौधों का शामिल किया गया है।

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