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तालिबान से दोस्ती कर अमेरिका के ही बनाए एयरबेस से उसकी मुश्किलें बढ़ाएगा चीन …

वाशिंगटन। चीन बगराम हवाई क्षेत्र में सैन्य कर्मियों और आर्थिक विकास अधिकारियों को तैनात करने पर विचार कर रहा है, जो शायद अफगानिस्तान में 20 साल की अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का सबसे प्रमुख प्रतीक है।

अपने प्रभाव का विस्तार करने और अमेरिका को शर्मिंदा करने के लिए चीन अफगानिस्तान में बगराम के पूर्व अमेरिकी एयरबेस पर नजर गड़ाए हुए है। यूएस न्यूज ने पॉल डी शिंकमैन के हवाले से कहा है कि चीन ने अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हैं और अब वह प्रभाव बढ़ाने और अमेरिका को शर्मिंदा करने के नए तरीकों पर विचार कर रहा है।

चीनी सेना वर्तमान में बगराम में आने वाले वर्षों में अपने विदेशी आर्थिक निवेश कार्यक्रम से संबंधित श्रमिकों, सैनिकों और अन्य कर्मचारियों को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के रूप में भेजने के प्रभाव के बारे में अध्ययन कर रही है। चीनी सैन्य अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है।

बीजिंग पहले ही बगराम के रणनीतिक महत्व को खुले तौर पर पहचान चुका है। चीन का नवीनतम विचार अपनी सीमाओं से परे अपने आर्थिक और सैन्य प्रभाव का चुपचाप विस्तार करने के लिए हाल के वर्षों में सिद्ध की गई अच्छी प्रथाओं से मेल खाता है। सूत्र का कहना है कि बीजिंग में मौजूदा विचार किसी भी लंबित आंदोलन के लिए नहीं है, बल्कि अब से दो साल बाद तक संभावित तैनाती है।

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