लखनऊ/उत्तरप्रदेश

धौरहरा की सभी सीटों पर BJP का दबदबा, समाजवादी पार्टी के लिए भाजपा का दुर्ग भेदना कड़ी चुनौती

सीतापुर
समाजवादी पार्टी के लिए धौरहरा में भाजपा का दुर्ग भेदना कड़ी चुनौती होगी। लोकसभा क्षेत्र की धौरहरा, कस्ता, मोहम्मदी, महोली और हरगांव में वर्ष 2017 से भाजपा के विधायक हैं। इस बार समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनाए गए पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया इससे पहले वर्ष 2014 में भी इसी क्षेत्र किस्मत आजमा चुके हैं। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। कस्ता व महोली सीटें सपा व धौरहरा, मोहम्मदी और हरगांव के हिस्से में थीं। चुनाव में आनंद तीसरे और बसपा प्रत्याशी दाउद अहमद दूसरे स्थान पर रहे थे। ऐसे में सपा की राह यहां आसान नहीं मानी जा रही है।

वर्ष 2017 से भाजपा का दबदबा
वर्ष 2017 से यहां भाजपा का पांचों सीटों पर दबदबा है। 2017 में धौरहरा से भाजपा बाला प्रसाद अवस्थी, कस्ता से भाजपा सौरभ सिंह सोनू, मोहम्मदी से भाजपा लोकेंद्र प्राताप सिंह, हरगांव से सुरेश राही और भाजपा महोली शशांक त्रिवेदी विधायक चुने गए थे।2022 में हुए विधानसभा चुनाव में धौरहरा से भाजपा के विनोद अवस्थी के अलावा अन्य सभी सीटों पर दोबारा वही विधायक चुने गए हैं।
 

2012 में तीन पर बसपा, दो पर जीती थी सपा

2012 में हुए चुनाव में पांच से तीन पर बसपा और दो पर सपा उम्मीदवारों को जीत मिली थी। इसमें धौरहरा से बीएसपी के शमशेर बहादुर, कस्ता से सपा के सुनील कुमार लाला, मोहम्मदी से बसपा के बाला प्रसाद अवस्थी, महोली से सपा के अनूप गुप्ता और हरगांव से बसपा के रामहेत भारती विधायक चुने गए थे। भाजपा सरकार सिर्फ हवा-हवाई दावे करती है। महंगाई चरम पर है। शिक्षा, चिकित्सा की स्थिति बदहाल है। सड़क-पुल जर्जर हैं। खाद की बढ़ती कीमतों, बेसहारा पशुओं से फसलों को पहुंच रहे नुकसान और गन्ना के दाम न बढ़ने से किसान परेशान हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। जनता में भाजपा की डर-दहशत है, जिसे दूर करने का काम करेंगे। इन मुद्दों पर जन समर्थन मिलना तय है।
 

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