मध्य प्रदेश

प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर काबिज है भाजपा

भोपाल

मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद से भाजपा ने यहां पर तेजी से पैर पसारे हैं। पिछले चार चुनाव में उसने धीरे-धीरे कर कांग्रेस से 86 लाख वोटों की बढ़त बना ली है। जबकि कांग्रेस की वोट पाने की रफ्तार भाजपा के मुकाबले में बहुत धीमी हो चुकी है। कांग्रेस ने इन चार चुनाव में अपने वोट महज 65 लाख ही बढ़ाए जबकि भाजपा के मत एक करोड़ से ज्यादा बढ़ चुके हैं।

भाजपा के तेजी से बढ़ते वोट बैंक के चलते ही प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर अभी वह काबिज है।  छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद प्रदेश में पहला लोकसभा चुनाव 2004 में हुआ। प्रदेश के हिस्से में 29 लोकसभा सीटें आई। वर्ष 2004 में हुए चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 29 सीटों पर 88 लाख वोट पाए। ये वोट कांग्रेस से करीब 16 लाख ज्यादा थे। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव यानि वर्ष 2019 में भाजपा को दो करोड़ 14 लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को एक करोड़ 27 लाख वोट ही मिल सके। यानि यह अंतर करीब 88 लाख वोटों का था। प्रदेश की 29 सीटों में भाजपा ने पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा 28 सीटें जीती थी। पिछले चार चुनाव में वोट पाने में भाजपा ने जबरदस्त उछाल मारी है। उसका वोट इन चुनावों में सवा करोड़ बढ़ गया। जबकि कांग्रेस महज 65 लाख वोट ही बढ़ा सकी। जबकि इस दौरान वोटर्स की संख्या भी प्रदेश में तेजी से बढ़ी है।

किसको कितने मिले वोट
वर्ष 2004 में भाजपा को 88 लाख 84 हजार 913 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 62 लाख 89 हजार 13 वोट मिले। इसके बाद हुए 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने जोर दिखाया और करीब 18 लाख ज्यादा वोट पाए। इस चुनाव में कांग्रेस को 78 लाख 20 हजार 31 वोट मिले। जबकि भाजपा को 84 लाख 65 हजार 532 वोट मिले। इस चुनाव में भाजपा ने करीब सवा तीन लाख वोटों का नुकसान उठाया। इसके बाद वर्ष 2014 में हुए चुनाव में भाजपा ने वोट पाने के सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक करोड़ 60 लाख 328 वोट प्राप्त किए।

जबकि कांग्रेस भी एक करोड़ तीन लाख 34 हजार 725 वोट पाने में कामयाब रही। इस चुनाव में भाजपा ने 27 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीट आई थी। इस चुनाव  में भाजपा ने करीब 56 लाख वोट कांग्रेस से ज्यादा लिए। वहीं पिछले चुनाव यानि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने फिर से वोट पाने में तेजी से छलांग लगाई और दो करोड़ 14 लाख 6 हजार 887 वोट प्राप्त किए। जबकि कांग्रेस 1 करोड़ 27 लाख 33 हजार 51 वोट ही पा सकी।

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