मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका: राज्यमंत्री के भाई राव यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस में शामिल, पिता 3 बार विधायक और मां रह चुकी हैं जिपं अध्यक्ष

पूर्व विधायक देशराज सिंह यादव के बेटे राव यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस में हुए शामिल, उनके साथ कई कार्यकर्ताओं ने भी थामा कांग्रेस का हाथ

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सिंधिया के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर संभाग में कांग्रेस ने बीजेपी को करारा झटका दिया है। मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे स्व. राव देशराज सिंह यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव आज कांग्रेस में शामिल हो गए। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सदस्यता दिलाई। इस दौरान दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, जयवर्द्धन सिंह सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी भी मौजूद थे। 500 गाड़ियों का काफिला लेकर आए यादवेंद्र सिंह के साथ उनके कई समर्थकों ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली।
यादव परिवार और मुंगावली की राजनीति पर एक नजर…
यादवेंद्र के पिता देशराज सिंह यादव को ग्वालियर अंचल में बीजेपी के दिग्गज और कद्दावर नेताओं में माना जाता था। यादवेंद्र के भाई अजय सिंह यादव को शिवराज सरकार ने मप्र पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री का दर्जा) हैं। राव यादवेंद्र यादव की मां अशोकनगर जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। ऐसे में उनका कांग्रेस में जाना बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है।
पिता देशराज की सिंधिया से नहीं बैठी पटरी
ग्वालियर की राजनीति में यादव परिवार हमेशा सिंधिया का धुर विरोधी रहा है। यादवेंद्र के पिता राव देशराज की ज्योतिरादित्य सिंधिया से कभी पटरी नहीं बैठी। वे हमेशा सिंधिया का खुलकर विरोध करते रहे। 2016 में उनका निधन हो गया था। साल 2020 में सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही यादव परिवार के सदस्यों को कांग्रेस अपनी तरफ जोड़ने के प्रयास में लगी थी।
पिता तीन बार विधायक रह चुके, दो बार सांसद का चुनाव लड़ा
यादवेंद्र सिंह के पिता देशराज सिंह यादव अशोकनगर के अमरोद गांव के निवासी थे। वे अविभाजित गुना जिले के दो बार भाजपा जिलाध्यक्ष रहे। तीन बार उन्हें मुंगावली से भाजपा के टिकट पर विधायक चुना गया। 1990 में पहली बार, 1998 में दूसरी बार और 2008 में उन्हें तीसरी बार विधायक चुना गया। उन्होंने 6 बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा। देशराज सिंह यादव की पत्नी बाईसाहब यादव जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनकी बहू रीना यादव जिला पंचायत की सदस्य रह चुकी हैं। बेटे अजय सिंह यादव कृषि उपज मंडी अशोकनगर के अध्यक्ष रह चुके हैं।
इन्होंने निभाई कांग्रेस में लाने में मुख्य भूमिका
यादव परिवार को कांग्रेस में शामिल कराने के लिए चंदेरी से कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह चौहान (डग्गी राजा) और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री के छोटे भाई तथा प्रदेश के पूर्व मंत्री सचिन यादव पिछले कई महीने से प्रयास कर रहे थे, जो कि अब कामयाब हो गए. मुंगावली उपचुनाव प्रभारी पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव उन्हें लगातार कांग्रेस में लेकर आने प्रयासरत थे। विगत दिनों अशोकनगर में हुए यादव समाज के कार्यक्रम में एक साथ शामिल हुए थे। हालांकि, गोपाल सिंह और यादव परिवार के बीच भी जबर्दस्त राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। गोपाल सिंह और देशराज सिंह यादव मुंगावली से एक-दूसरे के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, दोनों ही नेता सिंधिया के कट्‌टर विरोधी भी रहे हैं। अब सिंधिया विरोधी दो दिग्गज अपनी राजनीतिक दुश्मनी भूलकर कांग्रेस में साथ काम करेंगे।
प्रदेश में सत्ता की चाबी माना जाता है ग्वालियर-चंबल अंचल
ज्ञात हो कि, ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटें प्रदेश की सत्ता की चाबी मानी जाती हैं। वहीं, अशोकनगर जिले की मुंगावली सीट को सिंधिया के प्रभाव वाली सीट माना जाता है। 2018 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। सिंधिया के भाजपा में चले जाने पर बृजेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने भी बीजेपी जॉइन कर ली थी। इसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में बीजेपी से बृजेंद्र सिंह ने कांग्रेस के हेमंत सिंह को 21,469 वोटों से हराया था। मुंगावली विधानसभा गुना संदसीय क्षेत्र में आती है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 125549 वोट के भारी अंतर से हराया था।

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