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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद का बड़ा आरोप, केरल में तस्करी गतिविधियों को संरक्षण दे रहा मुख्यमंत्री कार्यालय …

तिरुवनंतपुरम। विजयन ने तिरुवनंतपुरम में शिक्षा संरक्षण समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में खान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ उनके कदम, विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करना और राज्य के वित्त मंत्री को हटाने की मांग करना यहां आरएसएस-संघ परिवार का एजेंडा लागू करने के प्रयास हैं।

केरल में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तस्करी गतिविधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सनसनी मचा दी है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय राज्य में तस्करी गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उनका हस्तक्षेप करना जायज है।

केरल के राज्यपाल ने कहा, “मैंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि सभी तस्करी गतिविधियों को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का संरक्षण प्राप्त है। लेकिन अगर राज्य सरकार, सीएमओ और सीएम के करीबी लोग तस्करी गतिविधियों में शामिल हैं, तो निश्चित रूप से मेरा हस्तक्षेप करना बनता है।” राज्यपाल खान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आरोपों पर पत्रकारों को जवाब दे रहे थे। सीएम ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों को आरएसएस और संघ परिवार का सेंटर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

आरोपों का खारिज करते हुए राज्यपाल खान ने कहा कि वह विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति में उनके हस्तक्षेप का एक भी उदाहरण आने पर इस्तीफा देने को तैयार हैं। खान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय राज्य में तस्करी की गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है और ऐसे हालात में उनके पास हस्तक्षेप करने का आधार है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि सीएमओ में बैठे लोग कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने कम योग्यता प्राप्त और अयोग्य रिश्तेदारों की नियुक्ति के लिए निर्देश देते हैं। मैंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया।’’

खान ने कहा, ‘‘लेकिन यदि राज्य सरकार, सीएमओ और मुख्यमंत्री के करीबी लोग तस्करी गतिविधियों में शामिल हैं तो निश्चित रूप से मेरे हस्तक्षेप करने का आधार बनता है।’’ राज्यपाल ने साथ ही मुख्यमंत्री विजयन को सार्वजनिक तौर पर चुनौती देते हुए पूछा कि क्या आरोप साबित न कर पाने पर वह पद से इस्तीफा देंगे?

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