डॉ. संगीता द्वारा लिखी किताब प्रकृति उपासक उरांव का राज्यपाल अनुसूइया उइके ने विमोचन किया
कोरबा {गेंदलाल शुक्ल} । छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. संगीता परमानंद की प्रकृति उपासक उरांव, नामक कृति का विमोचन राजभवन में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके द्वारा किया गया।
छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख जनजाति उरांव के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, पारिवारिक, शैक्षणिक अर्थात जीवनचर्या को स्पर्शरत सभी आयामों पर केंद्रित इस प्रकार का प्रथम साहित्यिक संकलन है। शुभेच्छा पत्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने एवं पुस्तक की भूमिका अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेवराम ने लिखी है। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक एवं डॉ. सुरेश माहेश्वरी का शुभकामना संदेश है। इस विमर्श पर केंद्रित इस प्रकार के प्रथम संकलन के लिए राज्यपाल ने विशेष प्रसन्नता व्यक्त की।
डॉ. संगीता परमानंद ने अन्य कृतियां भी राज्यपाल को सादर भेंट की। चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में विकलांगता को सामाजिक अध्ययन विषय के अंतर्गत पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव भी डॉ. संगीता परमानंद ने राज्यपाल के समक्ष रखा। डॉ. संगीता परमानंद छत्तीसगढ़ की एक प्रसिद्ध साहित्यकार है। विकलांग विमर्श पर इन्होंने सम्पूर्ण राष्ट्र में प्रथम शोध कार्य किया है। राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित डॉ. संगीता की अन्य कृतियां भी प्रकाशित हो चुकी है।