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गुजरात से जारी विवाद के बीच नितिन गडकरी ने टाटा को चिट्ठी लिख नागपुर मिलने बुलाया …

नागपुर। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को 7 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्टील, ऑटो, उपभोक्ता उत्पाद, आईटी सेवाओं और विमानन जैसे व्यवसायों में लगी कंपनियां नागपुर में निवेश कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि यहां जमीन की कोई कमी नहीं है।

निवेश को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र के बीच जारी विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की एक चिट्ठी सामने आई है। उन्होंने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे, भूमि की उपलब्धता और कनेक्टिविटी जैसी ताकत का हवाला देते हुए नागपुर और उसके आसपास टाटा समूह से निवेश की मांग की है। आपको बता दें कि हाल ही में दो मेगा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से गुजरात चले गए थे।

आपको बता दें कि हाल ही में चिप निर्माण को लेकर फॉक्सकॉन-वेदांता से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश का करार हुआ है। वहीं, 22,000 करोड़ रुपये का विमान निर्माण परियोजना के लिए टाटा समूह ने एयरबस के साथ करार किया है।

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखरन ने कहा था कि टाटा समूह इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में निवेश की तलाश कर रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नवगठित राज्य सरकार के साथ काम कर रहा है।

गडकरी ने कहा, “टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन इंडस्ट्रीज, बिग बास्केट जैसी टाटा समूह की सभी कंपनियां छह राज्यों के 350 जिलों के साथ नागपुर में भी रातोंरात कनेक्टिविटी, भूमि की कम दरों, जनशक्ति और वेयरहाउसिंग जैसी आनंद ले सकती हैं।”

गडकरी ने चंद्रशेखरन से कहा कि टाटा समूह की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया नागपुर को अपने संचालन का केंद्र बनाकर और रात में विमान पार्क करने के लिए चुनकर लागत में कटौती कर सकती है। एयर इंडिया के पास पहले से ही मिहान में एक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा है।

उन्होंने कहा कि समूह अपने स्वयं के उपयोग के लिए और अन्य एयरलाइनरों के लिए विमानन पुर्जों के लिए बड़े गोदामों पर भी विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि समूह कंटेनर निर्माण में भी प्रवेश कर सकता है। टाटा स्टील से नागपुर में आपूर्ति संभव है, जो व्यापार के लिए अच्छा संकेत है।

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