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भाजपा के एक पूर्व सांसद के बेटे समेत कुल आठ बागियों ने बैठक कर कंगना के खिलाफ खोला मोर्चा

नई दिल्ली
केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही वह चर्चा में हैं और कांग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को मंडी संसदीय क्षेत्र में एक रोडशो के साथ अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा का मुख्य एजेंडा विकास है। कंगना ने कांग्रेस नेताओं की अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर भी शुक्रवार को तीखा हमला बोला।

दूसरी तरफ, भाजपा के एक पूर्व सांसद के बेटे समेत कुल आठ बागियों ने बैठक कर कंगना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  इनमें से तीन भाजपा के वैसे बागी नेता हैं, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी के खिलाफ विद्रोह का बिगूल फूंक दिया था, जिसमें पार्टी की हार हुई थी। इन सभी नेताओं ने मंडी के पंडोह में एकसाथ बैठक की और अगली रणनीति की चर्चा की। बैठक में पूर्व भाजपा सांसद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, पूर्व प्रदेश भाजपा महासचिव राम सिंह और आनी के पूर्व विधायक किशोरी लाल सागर शामिल थे।

बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट से इनकार किए जाने के बाद, तीनों ने भाजपा के खिलाफ बगावत कर दी थी और निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ा था। ये असंतुष्ट अब लोकसभा चुनाव में बीजेपी का गणित और उसके उम्मीदवार की संभावनाओं को बिगाड़ सकते हैं। कंगना का चुनावी गणित ये तीनों कैसे बिगाड़ सकते हैं, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में राम सिंह को कुल्लू सदर विधान सभा सीट पर कुल पड़े 71,165 वोटों में से 11,937 वोट मिले थे। पांच साल पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में जब वब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, तब 57,165 में से 15,597 वोट हासिल किए थे।

इसी तरह हितेश्वर सिंह को भी बंजार निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल 61,908 वोटों में से 14,932 वोट मिले थे, जबकि किशोरी लाल को आनी निर्वाचन क्षेत्र में कुल पड़े 67,468 वोटों में से 6,893 वोट मिले थे। 2017 के चुनाव में किशोरी लाल ने बीजेपी के टिकट पर 61,989 वोटों में से 30,559 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। आंकड़ों पर गौर करें तो तीनों बागियों ने 10 से 20 फीसदी वोट काटे थे।

बता दें कि ये बैठक बुधवार को हुई है। उससे ठीक एक दिन पहले 26 मार्च की रात पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूर्व सांसद महेश्वर सिंह की नाराजगी दूर करने उनके घर पहुंचे थे और उन्हें मनाने की कोशिश की थी। 2022 में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद से ही राम सिंह ने खुद को पार्टी से अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य भाजपा नेतृत्व कांग्रेस नेताओं को गले लगा रहा है लेकिन जिन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को दिया, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।

अब जिले के तीन नेताओं के साथ-साथ मंडी के पांच अन्य नेता भी उनके साथ एक मंच पर आ गए हैं । यह भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। इसके अलावा, लाहौल-स्पीति विधानसभा उपचुनाव में भाजपा द्वारा कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर को मैदान में उतारने के बाद पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा ने भी बगावत कर दी है। ऐसे में पहले से नाराज चल रहे महेश्वर सिंह और मारकंडा भी कंगना रनौत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा टिकट के लिए पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर सहित कई अन्य नेता कतार में थे लेकिन उनकी दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी नेतृत्व ने पैराशूट के माध्यम से कंगना रनौत को चुनावी मैदान में उतार दिया है।

 

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