मध्य प्रदेश

ड्रोन स्कूल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के 2 एमओयू, कृषि मंत्री कमल पटेल बोले- किसान अन्नदाता ही नहीं, जीवनदाता भी ….

भोपाल। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कृषि को उन्नत बनाना जरूरी है। उन्नत कृषि के लिए यंत्रीकरण भी अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि किसानों को सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों ने कोरोना काल जैसी विषम परिस्थिति में साबित कर दिया है कि वे महज अन्नदाता ही नहीं, जीवनदाता भी हैं। मंत्री पटेल कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में कस्टम हायरिंग केन्द्रों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में कृषकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ मुहैया कराने राज्य सरकार कृत-संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं का संचालन और क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे कि उन्नत कृषि के साथ कृषकों का सशक्तिकरण हो सके।

उन्होंने कहा कि जब किसान एमआरपी पर अपनी उपज को बेचेगा, बिचौलियों का रोल खत्म होगा, तब निश्चित ही देश फिर सोने की चिड़िया बनने की ओर अग्रसर होगा। मंत्री पटेल ने “ड्रोन स्कूल” और “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के लिए देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के चयन के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

मंत्री पटेल ने कहा कि कृषि को उन्नत बनाने में यंत्रीकरण की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। टेक्नालॉजी का उपयोग कर हम कम लागत और कम समय में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। ड्रोन टेक्नालॉजी से समय और लागत में निश्चित ही कमी आएगी। साथ ही गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रारंभ होने से किसानों का निश्चित ही कौशल उन्नयन होगा। उन्हें बेहतर जानकारियाँ और बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा, जिसका लाभ सभी को होगा।

अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने कहा कि प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण में संस्थानों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराएंगे। कस्टम हायरिंग केन्द्रों के सम्मेलन में प्रदेश में ड्रोन स्कूल और कृषि यंत्रीकरण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए 2 एमओयू साइन किए गए। केसरी ने कहा कि प्रदेश के किसानों की बदौलत मध्यप्रदेश निरंतर कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त कर रहा है। किसानों के कौशल उन्नयन के लिए मध्यप्रदेश में स्थापित किए जाने वाले संस्थानों को शासन स्तर से सभी संभव मदद प्रदान की जाएगी।

संचालक कृषि अभियांत्रिकी मध्यप्रदेश राजीव चौधरी ने बताया कि सम्मेलन में ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी ने निदेशक इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी के निदेशक कृष्णेन्दु गुप्ता के साथ एमओयू साइन किया। उन्होंने बताया कि ड्रोन स्कूल के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक आधारभूत सुविधाएँ नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जहाँ एक ओर ड्रोन पायलेट के प्रशिक्षण की फीस औसतन 60 हजार रूपए है, वहीं यह फीस भोपाल में बनने वाले स्कूल में मात्र 30 हजार रूपए रहेगी, जो कि न्यूनतम है। चौधरी ने बताया कि एक और एमओयू एग्रीकल्चर स्किल कॉउंसिल ऑफ इण्डिया, कौशल विकास मंत्रालय के सीईओ सत्येन्द्र आर्य के साथ “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना के लिए भी एमओयू साइन किया गया है। यह देश का पहला सेंटर है।

इस सेंटर में कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। कौशल विकास के लिए आवश्यक कोर्स तैयार किए जाएंगे। इसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिलेगा।

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