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योग तनाव दूर करने का साधन है …

योग एक आध्यात्मिक अनुशासन हैं जो सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यही नहीं योग हमारे शरीर, मन मस्तिष्क और आत्मा को एक सूत्र में बांधने का काम भी करता है। योग हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। योग एक दर्शन, योग स्व के साथ अनुभूति है। हमें योग से स्वाभिमान और स्वतंत्रता का बोध होता है। योग मनुष्य एवं प्रकृति के बीच सेतु का कार्य करती है। योग हमारे शरीर की सारी शक्तियों को एकत्र करके अपने आप के मन पर प्रयोग करना सिखाती है। जैसे सूर्य की तीक्ष्ण किरणों के सामने घने अन्धकारमय स्थान भी अपने गुप्त तथ्य प्रकट कर देते हैं। उसी तरह योग से एकाग्र मन अपने सब अन्तरतम रहस्य प्रकाशित कर देता है।

आज अच्छा स्वास्थ्य, शारीरिक मानसिक संतुलन और जीवन का संपूर्ण आनंद दुनिया का हर इंसान इन तीनों सुखों को पाना चाहता है। इन तीनों को पाने का एक ही मार्ग है वह योग मार्ग। आज अधिकांश लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे जिन में युवाओं की संख्या ज्यादा है। एक अनुमान के अनुसार विश्व में लगभग 8 लाख से ज्यादा लोग डिप्रेशन से मृत के जाल में फंस जाते हैं। जिनमें से तकरीबन दो लाख भारत के ही लोग हैं। डिप्रेशन जैसे भयानक बीमारी का एक ही इलाज है। वह नियमित रूप से योग किया जाए। योग से हम अपने जीवन के बहुत करीब आते हैं और हमारे पास जितनी नकारात्मक उर्जा होती है। वो सब ऊर्जा सकारात्मक में बदल जाती हैं और हमारे जीवन में खुशियों का बौछार आ जाता है।

योग का लक्ष्य है खुद को प्रकृति के साथ संयोजन करना और स्रोत की ओर लौटना।सिंधु-सरस्वती सभ्यता के जीवाश्म अवशेष प्राचीन भारत में योग की मौजूदगी का प्रमाण हैं। योगसूत्र में चित्त को एकाग्र करके ईश्वर में लीन करने का विधान है। योग समाज को चिंतामुक्त और तनाव मुक्त बनाती है। इस शक्तिशाली योग विज्ञान को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारत ने फैलाया; जिसमें एशिया, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। भारत को अपनी पूरी अभिव्यक्ति में योग प्रणाली को प्राप्त करने का आशीष मिला हुआ है। हम पिछले कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाते रहे हैं। इस साल की थीम है -“घर पर योग और परिवार के साथ योग” है। आज बदलते हुए परिदृश्य के साथ-साथ खुद को बदलना होगा। हमें योग को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाना होगा। स्वस्थ रहने के लिए हमें नियमित रूप से योग करना होगा।

©अजय प्रताप तिवारी, इलाहाबाद

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