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पंजाब में गुरु की नहीं चलने देंगे सीएम चरणजीत सिंह? SAG का इस्तीफा खारिज कर दिए कड़े संकेत …

चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को साफ संदेश दे दिया है कि सरकार में उनकी दखलअंदाजी नहीं चलेगी। दरअसल, सीएम चन्नी ने एपीएस देओल का राज्य के एडवोकेट जनरल के पद से दिए इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। सिद्धू लगातार एपीएस देओल पर हमलावर थे और पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से इस्तीफे के पीछे एक वजह एपीएस देओल की नियुक्ति भी थी। सिद्धू का आरोप था कि एपीएस देओल ने कोटकपुरा फायरिंग के दो आरोपियों की पैरवी की थी।

चन्नी के इस फैसले को सिद्धू की ओर से सार्वजनिक तौर पर राज्य सरकार पर जारी हमलों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। सोमवार को ही राज्य में बिजली दरों को कम करने पर भी सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर तंज कसा था। खबर के मुताबिक, सिद्धू की तरफ से पंजाब सरकार को लेकर दी गई बयानबाजी ही एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार न करने के पीछे सबसे अहम कारण है।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को सितंबर में पंजाब के एडवोकेट जनरल पद से अतुल नंदा के इस्तीफे के बाद नियुक्त किया गया था। सितंबर में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद फेरबदल के दौरान चन्नी ने सरकारी नियुक्तियां की थीं।

हालांकि, एपीएस देओल की नियुक्ति का कांग्रेस पार्टी के अंदर ही विरोध होने लगा। एपीएस देओल ने साल 2015 में कोटकपुरा फायरिंक के केस में आरोपी पूर्व पुलिस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी और इंस्पेक्टर जनरल परमराज सिंह उमरानांगल के लिए कोर्ट में पैरवी की थी। सोमवार को ही नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने देओल के इस्तीफे का स्वागत किया था।

बता दें कि इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को केदारनाथ यात्रा पर गए हैं। यात्रा पर निकलने से पहले सिद्धू ने कहा कि पंजाब की भलाई उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कर्तव्य पथ से बड़ा कोई धर्म पथ नहीं है। इससे पहले सिद्धू ने पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से देहरादून में उनके आवास पर मुलाकात की।

 

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