लेखक की कलम से

हिंदी हैं हम …

 

हिंदी हैं हम वतन है हिन्दुस्तां हमारा, हमारा

सारे जहां में अच्छा हिंदी भाषा हमारा, हमारा

माँ, मातृभाषा और मातृभूमि

हमें है तन-मन से प्यारा

मीठी है इसकी बोली ये

राजभाषा हमारा, हमारा

 

सारे जहां में अच्छा

हिंदी भाषा हमारा, हमारा।

 

जन-जन की ये है भाषा

बापु ने कहा था जनमानस की

ये है भाषा बड़ी लोकप्रिय

अनेकता में एकता रखने वाली भाषा

बड़ी मीठी -सी ये भाषा ,     हमारा ,हमारा

 

सारे जहां में अच्छा हिंदी भाषा हमारा ,हमारा।

हिंदी है हम वतन हैं

हिन्दुस्तां हमारा, हमारा।

 

उन्नति है हमारी तब ही

जब आता हो हिंदी बोलना

निज भाषा ज्ञान बिन

होते हैं हम अधूरा, अधूरा

हिंदी हैं हम वतन है हिन्दुस्तां हमारा, हमारा

 

.सारे जहाँ में अच्छा हिंदी भाषा हमारा, हमारा।

 

कविकोकिल विद्यापति ने

कीर्तिलता में उल्लेख किया है

हो अवहट्ट से हिंदी का उद्गम

सुंदर है इसकी शैली

भाषा है ये सालों पुराना, पुराना

 

सारे जहाँ में अच्छा हिंदी भाषा हमारा, हमारा।

 

 

©सुप्रसन्ना झा, जोधपुर, राजस्थान         

Back to top button