लेखक की कलम से
फुलवारी …
फुलवारी की तरह बन जाऊंगी
आँगन में मै भी मचल जाऊंगी
सपने सजाते रह जाओगे सब
सबको मै छोड़कर चली जाऊंगी
मीठी मीठी बातों से सबके मै
नन्हे से दिल में जगह बनाऊँगी
अनोखा कुछ कर मै दिखाऊंगी
सबके हयात में खुशबू फैलाऊँगी।।।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर