रायपुर । प्रदेश के सारंगढ़ में रहने वाले 24 वर्षीय एमटेक के छात्र राहुल हरिप्रिया ने कोविड-19 महामारी के कठिन दौर में खुद को सकारत्मक बनाए रखने और हिम्मत ना हारने को लेकर एक किताब लिख डाली है। ‘लॉकडाउन डिस्कवरी’ के नाम से यह पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक के माध्यम से यह बताया गया है कि कठिन परिस्थितियों में भी साकारात्मक सोच से ही जीवन के बुरे समय को भी कैसे बदला जा सकता है।
राहुल ने अपनी किताब के बारे में दिल्ली बुलेटिन से बात करते हुए कहा कि यह किताब मैंने कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान लिखी है। इस कठिन समय में जब लोग परेशानियों से जूझ रहे थे तब मुझे लगा कि साकारात्मक सोच से ही इस कठिन दौर से उबरा जा सकता है। यह किताब जीवन में निराशाजनक समय आता है तब उस समय को व्यक्ति कैसे बेहतर बना सकता है। व्यक्ति का खुद के ऊपर भरोसा होना चाहिए।
किताब में यह कहा गया है कि हमारे जीवन का हर अनुभव किसी न किसी कारण से होता है। इसके पीछे एक संदेश और सबक होता है। अनुभवों से ही व्यक्ति सीख पाता है और आगे बढ़ता है। इसमें कुछ घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों का भी उल्लेख है।
पेपर बैंक के साथ ई-कॉमर्स वेबसाइटों में उपलब्ध
यह पुस्तक फ्री डिजिटल मासिक मैग्जिन torchrd.online पर उपलब्ध है। पिछले चार माह में 41 से देशों में 10 हजार से ज्यादा युवा इसे पढ़ चुके हैं।