नई दिल्ली

Rahul Gandhi के 22 विदेश दौरे: विदेशी जमीं पर देसी राजनीति और फिर बरपा हंगामा… राहुल गांधी जिनसे गरमाई सियासत….

नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया की फैमस स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में लेक्चर दिया। इस दौरान भी उन्होंने पिछली बार की तरह ही मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता जाने पर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भारत में विपक्ष संघर्ष कर रहा है। संस्थानों पर बीजेपी का कब्जा है। हम इससे लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे हैं।

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेशों में मोदी सरकार के खिलाफ अपनी बात रखी हो। राहुल ने 6 मार्च को भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में सरकार के खिलाफ बात रखी थी वहीं, अब 86 दिन बाद राहुल ने फिर विदेश में जाकर पीएम मोदी और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

इससे एक बार फिर उनका विदेश दौरा विवादों में आ गया है। बीजेपी देश की सत्ता में 9 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है, वहीं बीते 9 सालों में राहुल गांधी ने 22 विदेश यात्राएं की हैं, जो किसी न किसी वजह से विवादों में रही हैं। जानिए राहुल की वह कौन-कौन सी विदेश यात्राएं हैं, जिस वजह से वह विवादों में घिरे रहे थे।

राहुल गांधी साल 2015 में 60 दिनों तक विदेश यात्रा पर रहे थे। उन्होंने आज से 8 साल पहले 2015 में फरवरी से अप्रैल के बीच अमेरिका, ब्रिटेन, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार और थाइलैंड का दौरा किया था। उन्हें अपनी विदेश यात्रा के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

साल 2015 में 7 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन चुनावों के ठीक बाद राहुल विदेश यात्रा पर चले गए। जबकि, इस समय में देश की राजनीति केंद्र के लाए गए अध्यादेश के खिलाफ गरमाई हुई थी।

साल 2015 में बीजेपी सरकार ने भूमि अधिग्रहण को लेकर नया अध्यादेश लाया था। इस अध्यादेश में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति का प्रावधान खत्म कर दिया गया था। हालांकि, विरोध के कारण बिल को वापस ले लिया गया था।

वहीं, सोनिया गांधी भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 14 विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई थीं, लेकिन इस समय राहुल भारत में मौजूद नहीं थे तो उन्हें अन्य पार्टियों ने जमकर घेरा था। विदेश में मौजूद रहने के चलते वह विवादों में घिरे रहे थे हालांकि, कांग्रेस ने सफाई पेश की वो आध्यात्मिक टूर पर गए हैं।

2015 के सितंबर महीने में राहुल गांधी पर्सनल फौरन ट्रिप का हवाला देते हुए अमेरिका और ब्रिटेन की यात्रा पर गए थे। वैसे तो उनकी विदेश यात्रा को पर्सनल टूर बताया गया था, लेकिन वह अमेरिका में प्राइवेट सेक्टर के ग्लोबल लीडर्स की कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे।

इस दौरान उन्हें विवादों का सामना इसलिए भी करना पड़ा था क्योंकि साल 2015 के नवंबर ही बिहार विधानसभा के चुनाव होने थे और सभी पार्टियां जोर- शोर से चुनावी प्रचार में जुटी हुई थीं। ऐसे में राहुल पर अहम अवसर पर मौजूद रहने पर सवाल खड़े हुए थे।

राहुल गांधी साल 2016 में ब्रिटेन और तुर्किये की विदेश यात्रा पर गए थे। वह जनवरी में 10 के दिन के लिए यूरोप चले गए थे, जबकि इसी साल अप्रैल में पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने थे लेकिन चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी विदेश यात्रा पर निकल गए।

उन्होंने कोई भी चुनावी रैली नहीं की थी। चुनाव के मौके पर राहुल गांधी का विदेश यात्रा पर चले जाने से बीजेपी समेत कई विपक्षी दलों ने जमकर घेरा था।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए लेकिन उनमें से किसी भी राज्य में कांग्रेस को जीत हासिल नहीं हुई। असम में मजबूत पकड़ होने के बावजूद भी सत्ता हासिल नहीं कर पाई थी। चुनाव परिणामों के तुरंत बाद राहुल गांधी तुर्किये की विदेश यात्रा पर निकल गए जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर मजाक का पात्र बनना पड़ा था।

साल 2016 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 500 और 1000 के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया। देश में नोटबंदी होने की वजह से लोग अपने नोट बदलवाने के लिए लंबी कतारों में घंटों इंतजार कर रहे थे।

ऐसे में विपक्षी पार्टियों के पास सरकार को घेरने के लिए अच्छा मुद्दा था। लेकिन, राहुल गांधी देश में मौजूद नहीं थे। वह ब्रिटेन की यात्रा पर गए हुए थे। ऐसे समय में राहुल के विदेश जाना विवादों की वजह बना।

राहुल गांधी 2015 से हर साल विदेश यात्रा पर गए हैं। साल 2017 में उन्होंने 3 देशों की यात्रा की। इस साल वह ब्रिटेन, इटली और अमेरिका की विदेश यात्रा पर गए थे।

राहुल गांधी जब जुलाई में ब्रिटेन की दौरे पर गए तो उन्होंने यात्रा पर जाने से कुछ घंटे पहले ही एसपीजी को जानकारी दी। इसकी वजह से वह बिना सुरक्षा के विदेश यात्रा पर गए थे। ऐसे में भाजपा ने इसी मुद्दे को तूल बना लिया। उन्होंने राहुल गांधी को जमकर घेरा था।

2017 में एक बार फिर राहुल गांधी अमेरिका के 2 हफ्ते के दौरे पर गए। अमेरिका में राहुल ने भारत में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि भारत को हजारों सालों से एकता और भाईचारे के साथ रहने के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, लेकिन देश में कुछ ऐसी ताकतें मौजूद हैं जो भारत को बांटने की कोशिश कर रही हैं।

वह दुनिया में भारत की छवि खराब कर रही है। राहुल विदेश में जाकर यह बात इसलिए कही क्योंकि 2017 में सितंबर में बेंगलुरु में एक पत्रकार गौरी लंकेश कि उनके घर में ही हत्या कर दी गई थी। वहीं, गुजरात हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे। हालांकि, दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई थी।

राहुल गांधी की विदेश यात्रा और विवादों का मानो जैसे पुराना रिश्ता है। साल 2018 की जनवरी में राहुल गांधी ने जर्मनी बहरीन, सिंगापुर, मलेशिया की विदेश यात्रा की। इस दौरान भारत में बीफ बैन पर विवाद चल रहा था। वहीं, उन्होंने बहरीन में रह रहे भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं बताने आया हूं कि भारत इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है।

आप देश की मदद कर सकते हैं देश को बांटने वाली ताकत तय कर रही है कि लोग क्या खाएं और क्या नहीं। समाज में हर तरफ नफरत फैलाई जा रही है। उनके इन विवादित बयान के चलते विपक्षी पार्टियों ने उन्हें जमकर घेरा था और उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने विदेश में जाकर भारत को नीचा दिखाया है।

मार्च में फिर वह सिंगापुर और मलेशिया की विदेश यात्रा पर गए। उन्होंने एक बार फिर विदेश में जाकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने नोटबंदी को लेकर सरकार को घेरा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था की भारत में लोगों से उनके बोलने की आजादी छीनी जा रही है।

भारत में साल 2019 में सियासी पारा अपने चरम पर था। इसी साल देश में लोकसभा चुनाव थे और बीजेपी सरकार ने CAA बिल लाया था। लेकिन ऐसे में भी राहुल गांधी भारत में मौजूद नहीं थे। 2019 की मई में लोकसभा चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले राहुल गांधी लंदन के पर्सनल टूर पर निकल गए। इस बीच सोनिया गांधी ने यूपीए के कई अहम बैठक की थी, लेकिन उनमें से किसी भी एक बैठक में राहुल गांधी शामिल नहीं हुए थे।

2019 के अक्टूबर में हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक 15 दिन पहले ही राहुल गांधी बैंकॉक की यात्रा पर निकल गए थे। अक्टूबर के महीने में ही कांग्रेस ने सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल उपस्थित नहीं रहे थे।

देशभर में दिसंबर में सीएए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था, इसी बीच राहुल गांधी साउथ कोरिया गए और वहां के प्रधानमंत्री से मिले। उनकी इस यात्रा को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने भी सवाल खड़े किए थे।

साल 2022 में कांग्रेस पार्टी का फाउंडेशन डे कार्यक्रम होना था। लेकिन राहुल गांधी हमेशा की तरह अहम मौके पर भी देश में मौजूद नहीं रहे थे। ऐसे में पार्टी के प्रमुख दिन पर मौजूद ना रहने के चलते कई दलों ने राहुल पर जमकर निशाना साधा था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2020 से 2022 के बीच केवल 2 सालों में 5 विदेश यात्रा की थी। 2022 के शुरुआती महीने में पंजाब, गोवा, उत्तराखंड मणिपुर और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे, लेकिन राहुल ने चुनावों को दरकिनार करते हुए विदेश यात्रा पर जाना उचित समझा। यहां तक कि उन्होंने पंजाब में होने वाली बड़ी रैली को कैंसिल भी करवा दिया था और वह इटली के दौरे पर चले गए थे।

जब कांग्रेस नेता मई में ब्रिटेन की विदेश यात्रा पर गए तो बीजेपी ने उन पर आरोप लगाया कि राहुल ने विदेश जाकर भारत को बदनाम किया है। लंदन में आइडियाज फॉर इंडिया सब्जेक्ट पर राहुल ने कहा कि बीजेपी सरकार संवैधानिक संस्थाओं के जरिए लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।

इस समय में भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई और ईडी का छापा तेज गति से चल रहा था। ऐसे में राहुल ने भारत की तुलना पाकिस्तान से कर दी थी। 2022 की जुलाई में देश में राष्ट्रपति चुनाव होने थे। चुनाव से पहले जब विपक्षी दलों के बीच एकता की बात हो रही थी, तब राहुल गांधी विदेश यात्रा पर चले गए थे।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी आज भी अमेरिका की विदेश यात्रा पर है और वहीं इससे पहले वह 6 मई को ब्रिटेन की विदेश यात्रा पर गए थे। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में सरकार के खिलाफ विवादित बयान दिया था। जिसके चलते बीजेपी समेत कई विपक्षी नेताओं से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। यूनिवर्सिटी में राहुल ने डेमोक्रेसी, फ्री प्रेस और पेगासस आदि पर अपने विचार रखे थे।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि इजरायली स्पाइस वेयर पेगासस का इस्तेमाल उनकी और कई अन्य राजनेताओं की जासूसी के लिए किया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका फोन ट्रेस पर रखा गया है।

राहुल ने कैंब्रिज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार पर कोई भी सवाल उठाता है तो उन पर हमला किया जाता है। लंदन में दिए गए राहुल गांधी के विवादित बयानों पर बीजेपी के छोटे से छोटे नेता से लेकर सरकार में बैठे बड़े मंत्रियों ने राहुल गांधी को जमकर गहरा था। उन्होंने राहुल गांधी पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। ‌

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