नई दिल्ली

बेटे की मौत का सदमा नहीं सह पाई मां: एकसाथ निकली दो की अर्थी तो छलक गईं सबकी आंखें ….

मुजफ्फरपुर। मां अपने बच्चे को गर्भ में धारण कर अपने खून से सिंचती है और बच्चे की हर धड़कन में मां का दिल धड़कता है। बच्चे को लगी चोट की पीड़ा मां सहती है उसकी हर मुस्कान पर मां हंसती है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक मां इस आस्था को और ताकत दे गई जब वह अपने बेटे के शव से लिपट कर रोते रोते दुनिया को अलविदा कह गई। घटना औराई प्रखंड के घनश्यामपुर गांव की है जहां 50 साल के बीमार बेटे देवेंद्र मंडल के शव से लिपट कर उसकी 70 वर्ष की मां जानकी देवी ने दम तोड़ दिया।

घनश्यामपुर के मुखिया रामजन्म प्रसाद ने बताया कि मृतक देवेंद्र मंडल छपरा में एक छोटा सा होटल चलाते थे। देवेंद्र मंडल कई बीमारियों से पीड़ित थे और दवा खाकर जी रहे थे। रविवार को देवेंद्र की मौत बीमारी से हो गई। गांव के लोग छपरा गए और शव लेकर उनके घर पहुंचे। इधर सूचना मिलने से साथ ही मां का रो रो कर बुरा हाल था। शव आने के बाद वह जोर जोर से रोने लगी। शव के पास जाकर वह लिपट कर और रोने लगी।

अन्य ग्रामीणों ने बताया कि देवेंद्र मंडल के शव से लिपट कर रोते रोते जानकी देवी बेसुध हो गई। उनकी उम्र 70 साल थी और वे भी कमजोर थीं। लोगों ने समझा की वह सो गई है। लेकिन वहीं पड़े पड़े जानकी देवी ने भी दम तोड़ दिया।

जैसे ही लोगों को यह पता चला कि कोहराम मच गया। सोमवार को दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। एक घर से एक साथ मां बेटे की अर्थी देख सभी गांव वाले रोने लगे।

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