लेखक की कलम से
मनवा मन अति बावरा…..
जन्म-जन्म के पुण्य का, गुरुवर है वरदान।
राम चरन में प्रीति दे, देते भक्ति महान।।
गुरु कृपा आशीष से, मन में रमते राम।
भाव पुष्प अर्पित करूं, मम गुरुदेव प्रणाम।।
राम चरित के पाठ से, पाठक पाते ज्ञान।
जीवन जीना सीखते, लगे राम में ध्यान।।
मनवा मन अति बावरा, फिरता आठो याम।
राम नाम के जाप से, पाता मन विश्राम।।
जगहित को रचना रचे, तुलसी संत महान।
समाधान हर प्रश्न का, शब्द-शब्द में ज्ञान।।
©रानी साहूरानी, मड़ई (खम्हरिया)