लेखक की कलम से
जीवन का साथ ….
जब साथ रहते हुए भी उसका साथ ना हो,
हर पल बस सिर्फ तन्हाई का एहसास हो।
जैसे जीवन में उसकी अलग दुनियाँ ही हो,
वो मेरे नहीं और किसी के ही पास हो।
तन्हा दिल हो और तेरा मन भी उदास हो,
हिम्मत न हारना, अब तेरे लिये खास हो।
अकेले चल पड़ना जो जीवन में राह हो,
अब वो करना जो सिर्फ तुझे ही रास हो।
तू खुदा से पूछना जो मन में सवाल हो,
शायद उससे ही रहम की तुझे आस हो।
©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड