मध्य प्रदेश

सौगात : 10 लाख कर्मचारियों की जल्द मनेगी दिवाली

कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की तैयारी में जुटी सरकार

भोपाल। मप्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार दिल खोलकर पैसे खर्च कर रही है। अभी हाल ही में सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोत्तरी और अन्य सौगातें देने की घोषणा की है। वहीं सरकार प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों को कई सौगातें देने जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने का मन बना लिया है। इसके लिए वित्त विभाग को बजट तैयार करने के लिए कह दिया गया है वो तैयारी में जुट भी गया है। ऐसे में पूरी संभावना है कि अगले कुछ दिनों या अगले महीने के शुरू में इसका फैसला हो जाएगा।

जानकारी के अनुसार, मप्र सरकार प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों को 4 फीसदी डीए देने की तैयारी में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जुलाई माह में कर्मचारियों के सैलरी में ये बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अगर सरकार ये फैसला लेती है तो 4 फीसदी डीए बढ़ाने से सरकारी खजाने पर करीब 160 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा। इससे पहले राज्य में डीए बढ़ाने का फैसला अप्रैल में होना था। लेकिन, किसी कारण ये फैसला अटक गया। अब अगर सरकार ये फैसला लेते है तो कर्मचारियों के सैलरी में 6 से 10 हजार रुपये तक का अंतर देखने को मिलेगा।

डीए में फिर 4 प्रतिशत वृद्धि की आस

दरअसल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलेरी में इजाफा करने के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के लिए भी सीएम एक राहत भरी घोषणा कर सकते हैं। दरअसल, केंद्र की तर्ज पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है। केंद्र के साथ अन्य राज्यों ने पहली बढ़ोत्तरी कर दी है, लेकिन मप्र में अब तक इसका ऐलान नहीं किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है, हालांकि अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जून महीने में ही प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते में इंक्रीमेंट की सौगात मिल सकती है। प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों के डीए में फिर 4 प्रतिशत वृद्धि की जा सकती है। अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। वहीं सीएम शिवराज सिंह जल्द ही इसका ऐलान भी कर सकते हैं या फिर कैबिनेट की बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जा सकता है।

160 करोड़ का आएगा बोझ

मप्र में नियमित, अध्यापक और पंचायतकर्मियों एवं अन्य कर्मचारी मिलाकर सात लाख है। इनमें से सातवां वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों को जनवरी 2023 से 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी करने के बाद सरकारी खजाने पर करीब 160 करोड़ रुपय का बोझ आएगा। प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को 38 फीसदी डीए मिल रहा है। जिसमें जल्द ही 4 फीसदी की और बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे में ये बढक़र 42 फीसदी पहुंच जाएगा। अगर ऐसा होता है तो राज्य के कर्मचारी केंद्र के बराबर आकर खड़े हो जाएगा। क्योंकि केंद्रीय कर्मचारियों को भी अभी 42 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। दरअसल, केंद्र की तर्ज पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है। केंद्र के साथ अन्य राज्यों ने पहली बढ़ोत्तरी कर दी है, लेकिन मध्य प्रदेश में अब तक इसका ऐलान नहीं किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है, हालांकि अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जून महीने में ही प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते में इंक्रीमेंट की सौगात मिल सकती है। प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों के डीए में फिर 4 प्रतिशत वृद्धि की जा सकती है। अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। वहीं सीएम शिवराज सिंह जल्द ही इसका ऐलान भी कर सकते हैं या फिर कैबिनेट की बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जा सकता है।

डीए का भुगतान जनवरी 2023 से

इसके अलावा प्रदेश में जब भी डीए (महंगाई भत्ता) बढ़ेगा,उसका भुगतान एक जनवरी 2023 से ही किया जाएगा। इसका फायदा प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों को होगा। इसका एरियर एक जनवरी से दिया जाएगा। अभी केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद से उनका डीए 38 फीसदी से बढक़र 42 फीसदी हो गया है। जबकि राज्य कर्मचारियों को अभी 38 फीसदी डीए ही मिल रहा है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा

सरकार प्रदेश की 1.90 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। कार्यकर्ताओं का मानदेय प्रतिमाह 10 हजार से बढ़ाकर 13 हजार कर दिया है। इसी तरह सहायिका का मानदेय पांच हजार से बढ़ाकर साढ़े छह हजार कर दिया गया है। दोनों के मासिक मानदेय में प्रतिवर्ष एक हजार रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही उन्हें लाडली बहना योजना का लाभ भी मिलेगा। सेवानिवृत्त होने पर कार्यकर्ता को सवा लाख और सहायिका को एक लाख रुपए इक_ा मिलेंगे। लेकिन अब आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्यप्रदेश ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग भी की है। इसे लेकर फेडरेशन आने वाले दिनों में आंदोलन करेगा। यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष विद्या खंगार एवं महासचिव किशोरी वर्मा ने मानदेय वृद्धि संबंधी मुख्यमंत्री की घोषणा को अधूरी जीत बताते हुए प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से अपील की है कि इन घोषणाओं पर अमल कराने एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को न्याय दिलाने के लिए हमें एकजुट रहना होगा। यूनियन की पदाधिकारियों ने बताया कि 1500 रुपए की कटौती का का मामला अभी भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसमें कार्यकर्ता की 1500 रुपए एवं सहायिका की 750 रुपए की काटी गई राशि को एरियर सहित भुगतान किए जाने की मांग है। इस प्रकरण में अब तक सरकार द्वारा जवाब नहीं दिए जाने से इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। इसी तरह वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री द्वारा सेवानिवृत्ति पर कार्यकर्ता को 1 लाख एवं सहायिकाओं को 75 हजार रुपए रुपए देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद प्रदेश में सैकड़ों कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं सेवानिवृत्त हुई, लेकिन इन्हें कुछ नहीं दिया गया।

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