लेखक की कलम से

गणेश स्तुति …

 

श्री गणपति नमो नमः

रिद्धि-सिद्धि मंगल कारी

शिव-गौरी पुत्र नमो नमः

 

आगमन शुभ संदेश तुम्हारा

बिगड़ा काज तुमने संवारा

 

अनुकम्पा तुम्हारी अपरंपार

ऋण-दुःख से बचाया बारम्बार

 

सम्पन्नता लाये घर और द्वार

दूर भगाये रोग विकार

 

कृपा तुम्हारी हो सब पर

कष्टों से जीवन जाए तर

 

गौरी पुत्र न विलम्ब करो

जाओ हमारे दुःखों को हरो

 

जीवन जकड़ा कोरोना ने

अन्धकार भरा हर कोने में

 

महामारी से दिल घबराये

कैसे संभलेगा समझ न आये

 

विनती करता जग तुम्हारी

लम्बोदर कमलाकर दुःख हारी

 

शुभारम्भ कर काज बना दो

दीन-हीन को राह दिखा दो

 

शरण में ले लो अपनी दाता

नायक बुद्धि विघ्न विधाता

 

मूषक वाहन तुमको भाता

ब्रह्मंण का भ्रमण वो कराता

 

दूब चढ़ावा तुमको प्यारे

रिद्धि-सिद्धि कर कष्ट उतारे

 

मोदक का मैं भोग बनाऊँ

लम्बोदर आओ तुम्हें खिलाऊँ

 

दो आशीष टले विनाश सारा

भटके जन को दो प्रेम सहारा

 

पधारो अभिनंदन गणपति पधारो

 

©अनिता चंद, नई दिल्ली                 

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