मध्य प्रदेश

अंधविश्वास, रीवा में भक्त विनोद कुमार साहू ने जीभ काटकर देवी को चढ़ाई, शरीर पर उगाए जवारे …

रीवा। इसे आस्था कहे या अंधविश्वास। नवरात्रि पर एक भक्त ने मां को जीभ काटकर अर्पण कर दी। उसका दावा है कि मां ने सपने में आकर आदेश दिया था। वे उसी का पालन कर रहे हैं। इसका वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, रीवा में एक भक्त ने ना सिर्फ अपने शरीर पर जवारे उगा लिए, बल्कि मां को जीभ काटकर चढ़ा दी। मंदिर में मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। नौ दिन तक इस शख्स ने कुछ भी नहीं खाया। सिर्फ 3 चम्मच पंचामृत ही लिया। रीवा के गुढ़ रोड स्थित चिरहुला मंदिर के पास काली मंदिर है। विनोद कुमार साहू (40 वर्ष) यहीं रहते हैं। पेशे से वे सब्जी व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि वह पिछले 25 साल से माता की भक्ति कर रहे हैं। हर साल नवदुर्गा में व्रत भी रखते हैं।

अमावस्या की रात मां ने स्वप्न में शरीर पर जवारे उगाने का आदेश दिया था। इसके बाद ललपा मंदिर पहुंचकर कमेटी के अध्यक्ष लल्लू मिश्रा से संपर्क कर ऐसा करने की परमिशन मांगी। वह राजी हो गए। 26 सितंबर को नवरात्र के पहले दिन जैकेट के आकार का कपड़ा तैयार कर शरीर पर लपेटा। इस पर मिट्टी लगाते हुए जवारे के बीज बो दिए।

विनोद ने बताया कि दूसरे दिन बीज अंकुरित हो गए। तीसरे दिन पौधे आना शुरू हुए। फिर चौथे, पांचवें और छठवें दिन जवारे ने हरियाली का रूप ले लिया। सप्तमी के दिन मां ने अंग दान का आदेश दिया। इसके बाद उसी दिन माता को जीभ अर्पण कर दी। नवमीं यानी मंगलवार को त्रिशूल की नोंक पर पैदल चलना है। ये जवारे मैहर वाली मां शारदा को भेंट करना है। भक्त ने दावा किया कि जिस तरह मां आदेश दे रही है। उसी का पालन कर रहे है।

मंदिर से जुड़े रामकरण कुशवाहा का दावा है कि विनोद कुमार रोजाना सिर्फ तीन चम्मच पंचामृत ले रहे है। वो भी सुबह 6 बजे। इसके बाद खाना-पीना नहीं लेते। फल तक नहीं लिए। नवरात्र के पहले दिन से एक ही जगह पर बैठे हैं। यहां तक कि नित्य क्रिया तक के लिए नहीं गए। 24 घंटे सिर्फ माता के नाम की माला जपते रहते हैं।

विनोद कुमार साहू के मुताबिक एक श्रद्धालु ने जीभ पकड़कर ब्लेड से ऊपरी हिस्सा काट कर पान में रख देवी को अर्पण किया। वहीं, जीभ कटने के बाद खून की धारा बहने लगी। मां के आदेश के बाद पान का पत्ता खाया।

श्रद्धालु अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि विनोद की भक्ति देख यहां भक्तों का आना-जाना बढ़ गया है। यहां लोग भजन भी कर रहे हैं। यहां दशहरे के दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। यहां दिन भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

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