रायपुर

अपनी करतूतों को छुपाने मोदी सरकार करा रही है रेड – रणदीप सिंह सुरजेवाला

रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से इंकम टैक्स विभाग व सीआरपीएफ जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ की चुनी हुई प्रजातांत्रिक सरकार और पुलिस को बगैर सूचित किए भिन्न-भिन्न स्थानों पर रेड कर रही है और चार दिन तक और चार रातों तक वो रेड चली, ये दिखाता है कि मोदी सरकार अपने भ्रष्टाचार को उजागर होते हुए देख लड़खड़ा गई है। ‘अबकी बार हिटलरशाही सरकार’ये मौजूदा मोदी सरकार का नया नारा होना चाहिए।

सुरजेवाला आज रायपुर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को याद रहे कि छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित नान घोटाला हुआ था, वो सारी डायरी, जो गलती से छत्तीसगढ़ की पुलिस के हाथ में आ गई थी, उनके सारे पन्ने एक पत्रकार गोष्ठी में उस समय के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने, सीएलपी लीडर टीएस सिंहदेव ने और मैंने आपके समक्ष रखे थे और मैं केवल आपको याद दिलवाऊँगा उन डायरी के पन्नों में क्या था? उन डायरी के पन्नों में एन्ट्री थी कि किस प्रकार से उस 36 हजार करोड़ का एक हिस्सा और ये साबित होना अभी बाकी है, कथित तौर से नागपुर और दिल्ली भाजपा कार्यालय में भेजा जा रहा था।

उस डायरी के पन्नों में ये भी अंकित था कि किस प्रकार से 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के भ्रष्टाचार का कथित पैसा दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं तक आता था। पूरा प्रांत लूट लिया गया और यही नहीं ये पहली बार इस देश में हुआ कि पनामा पेपर्स के अंदर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके बेटे और भाजपा सांसद अभिषेक सिंह का नाम आया। यहाँ तक कि पता भी आ गया, पिता का नाम भी उसमें लिखा था। पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोई जांच नहीं की। क्योंकि ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स और डीआरआई तो मोदीजी के गठबंधन सहयोगी हैं। दुर्भाग्य से इस देश की सबसे जांबाज और बहादुर और इलीट फोर्स, जो हमारी सीमाओं की रक्षा भी करती है और कभी देश में कोई हुडदंग या दंगे मंच जाए, तो उसे नियंत्रण करने के लिए जिस जांबाज फोर्स को बुलाया जाता है, मोदी-शाह सरकार ने अब उस जांबाज फोर्स सीआरपीएफ को भी गठबंधन सहयोगी बनाने का दुस्साहस कर दिया।

रात के अंधेरे में सीनाजोरी और कवरअप करप्शन, कवरअप बीजेपी करप्शन एक्सरसाइज में चार दिन से भाजपा की केन्द्रीय सरकार ने छत्तीसगढ़ की दो-तिहाई बहुमत से चुनी हुई सरकार को बगैर सूचित किए चार दिन से इंकम टैक्स और सीआरपीएफ के साथ रेड का सिलसिला जारी कर रखा है। उन्होंने कहा कि मोदीजी आप कहते थे, कॉपरेटिव फेडरेलिज्म, ये है कॉरसिव सेंटरिज्म। कॉपरेटिव फेडरेलिज्म नहीं है ये, संघीय सहयोग नहीं, केन्द्रीय जबरदस्ती है ये जो आप कर रहे हैं। संविधान को रौंद रहे हैं, संघीय ढांचे को रौंद रहे हैं औऱ प्रजातंत्र को परास्त कर रहे हैं।

प्रश्न ये है कि क्या देश इस प्रकार से भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की केन्द्र सरकार की मनमानी व जबरदस्ती को सहेगा ? क्या 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की जांच केवल इसलिए रोक दी जाएगी कि उसके तार कहीं नागपुर की जमीन से और दिल्ली के सत्ता के गलियारों से जुड़े मिल गए तो पूरे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा। एक ईमानदार मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और एक ईमानदार सरकार कांग्रेस पार्टी की जब 11 हजार करोड़ कर्ज किसान का माफ करती है, जब 2,500 रुपए क्विंटल वहां के किसान को धान का भाव देती है, तो दिल्ली की सरकार के पेट में दर्द हो जाता है और जब भ्रष्टाचार की परतें उठने लगती हैं, जब प्रधानमंत्री के नजदीकी औद्योगिक समूहों के भ्रष्टाचार और मनमानी के ऊपर शिकंजा कसा जाता है, तो फिर इंकम टैक्स के साथ-साथ अब सीआरपीएफ को भी गठबंधन सहयोगी बना दिया जाता है।

अगर आप सिविलियन ड्रेस में इंकम टैक्स और साथ में सीआरपीएफ की वर्दी में सरकार और पुलिस को बताए बगैर वहाँ भेजोगे, तो क्या कल को कोई और हादसा नहीं हो सकता और क्या प्रधानमंत्री और अमित शाह उसके जिम्मेदार होंगे? कल को अगर इसी प्रकार की दुर्घटना हो जाए, ये बड़ा गंभीर विषय है, जो मैं देश के समक्ष रख रहा हूँ और बाबा साहब ने कहा था और उसके बाद पुनिया आपसे तफ्सील में इसके तथ्य देंगे।

ये भूपेश बघेल या पीएल पुनिया नहीं कह रहे, ये इस देश के संविधान निर्माताओं में से एक, जिनका पूरा देश सम्मान करता है, ये बाबा साहब अम्बेडकर के शब्द हैं। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स को किसी प्रान्त के अधिकार क्षेत्र में जबरन भेजना, इससे जघन्य अपराध प्रजातंत्र के खिलाफ कोई हो ही नहीं सकता। आपने केवल संविधान को पांव तले ही नहीं रौंदा, आपने केवल संघीय ढांचे को ध्वस्त कर कूड़ेदान में ही नहीं फेंका, बल्कि मोदी जी, आपने इस देश के प्रजातंत्र पर हमला किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों ने एक भ्रष्ट सरकार को, भाजपा सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया, जिसने अनेकों-अनेकों घोटाले किए। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा को जिस निर्दयता से भाजपा को बांटा, मोदी के चहेते उद्योगपतियों को, छ्त्तीसगढ़ में जिस प्रकार के घोटाले हुए आज जब एक ईमानदार सरकार उसकी जांच कर रही है, तो अब आप वहाँ की कानून व्यवस्था को भी अपने हाथ में लेना चाहते हैं। इससे बड़ी हिटलरशाही और क्या हो सकती है।

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