मध्य प्रदेश

6 दिन से चल रही वकीलों की हड़ताल स्थगित, सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को कल वार्ता के लिए बुलाया

23 मार्च से पूरे प्रदेश में वकील हड़ताल पर थे, लेकिन भोपाल के वकील 22 मार्च से ही नहीं कर रहे थे पैरवी

भोपाल। मध्यप्रदेश में 6 दिन से चल रही वकीलों की हड़ताल फिलहाल स्थगित हो गई है। स्टेट बार काउंसिल ने आज मंगलवार को आपात बैठक बुलाकर यह फैसला लिया। दरअसल, वकीलों की इस हड़ताल पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए स्टेट बार काउंसिल पदाधिकारियों को वार्ता के लिए कल 29 मार्च की शाम 4.30 बजे बुलाया है। कल दिल्ली में सीजेआई से मुलाकात में इस बारे में चर्चा होगी। यह जानकारी स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने दी। उन्होंने बताया कि जब वार्ता होने वाली है, तो हमारा हड़ताल पर रहना उचित नहीं था। इसलिए सर्वसम्मति से इस हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

इसलिए हड़ताल पर थे वकील

दरअसल, हाईकोर्ट द्वारा अपने अधीनस्थ न्यायालयों को 25 चिह्नित मामले 3 महीने में निराकरण के आदेश दिए गए थे। इसका वकील विरोध कर रहे थे और इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे थे, लेकिन जब उनकी मांग नहीं सुनी गई, तो वे पैरवी बंद कर हड़ताल पपर चले गए थे। इससे कोर्ट का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। वकीलों का कहना है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 25-25 पुराने प्रकरणों के त्वरित निपटारे के आदेश के कारण वकीलों के साथ पक्षकारों को भी अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जजों पर पुराने केसों के त्वरित निराकरण का दबाव है। ऐसे में जज नए प्रकरणों की सुनवाई नहीं कर रहे। नए प्रकरणों की लंबी-लंबी तारीखें लगा दी जा रही हैं। जिला अभिभाषक संघ भोपाल के अध्यक्ष पीसी कोठारी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने के लिए अभिभाषक संघ की तरफ से पूर्व में भी मांग की गई थी, लेकिन आदेश वापस नहीं लिया गया। इसी के विरोध में संघ ने अदालत के कार्य से अलग होने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास हड़ताल खत्म करने का कोई अधिकृत पत्र नहीं आया है। अब हम देखेंगे कि किन शर्तों पर बात हो रही है। इसके बाद आगे फैसला लिया जाएगा। इस हड़ताल में अकेले भोपाल के सभी 8 हजार और प्रदेश के लगभगग 92 हजार वकील शामिल रहे।

 

Back to top button