मध्य प्रदेश

राजस्थान में कांग्रेस की ‘किचकिच’ से कमलनाथ का किनारा, बोले- ‘उनका मसला वे ही जानें’ ….

नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर दोहराया है कि वे मध्यप्रदेश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। वहीं राजस्थान में चल रहे कांग्रेस के मेगा ड्रामे से भी उन्होंने खुद को किनारे कर लिया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान का मसला राजस्थान वाले जानें और निपटाएं। वे मंगलवार को नर्मदापुरम में कार्यकर्ताओं की बैठक और जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बातें कही। इस दौरान कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर भी जमकर निशाना साधा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मिशन—2023 की तैयारियों को लेकर मंगलवार को नर्मदापुरम में कार्यकर्ताओं की बैठक ली और जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान मीडिया ने जब कमलनाथ से कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर मचे घमासान और राजस्थान के मेगा ड्रामे को लेकर सवाल पूछा तो कमलनाथ ने साफ लफ्जों में कहा कि राजस्थान का मसला राजस्थान वाले ही देखें, मैं मध्यप्रदेश में ही रहूंगा। बता दें कि कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर मध्यस्थता करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया था। वहीं, कमलनाथ के दिल्ली जाने पर इस तरह के सवाल उठने लगे थे कि कमलनाथ भी कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं। हालांकि, कमलनाथ ने तभी इस बात से इंकार कर दिया था और साफ कहा था कि वो मध्यप्रदेश नहीं छोड़ेंगे। कमलनाथ को कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता रहा है। इसके पूर्व महाराष्ट्र सरकार पर आये संकट के दौरान उन्हें डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दी गई थी।

नर्मदापुरम में जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि वे केवल झूठी घोषणाएं करते हैं, शिवराज के पास विजन नहीं टेलीविजन है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने 15 माह के कार्यकाल में गोशाला बनाकर, 27 लाख किसानों के कर्जे माफ करके क्या कोई पाप किया था। मैं आज नर्मदा मैया से पुन: आशीर्वाद लेने आया हूं। 12-13 माह बाद प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार आएगी। शिवराज सरकार पर बरसते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार के 18 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के साथ ही अब घर-घर में दारू भी दे दी है।

उनका इशारा भाजपा राज में बिक रही अवैध शराब की तरफ था। आज पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भष्ट्राचार फैला हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज अपने 18 साल के कामकाज का हिसाब जनता को दें। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने नर्मदापुरम में 16 मंडलम पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके अलावा उन्होंने चार पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा की।

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