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नौकरी का झांसा देकर महिलाओं को होटल में बुलाता था, लूटपाट के बाद शारीरिक संबंध भी बनाता था और फिर छोड़ देता था ….

मेरठ । मेरठ पुलिस ने पंजाब के लुधियाना से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। केरल के लोगों को जर्मनी में नौकरी का झांसा देकर लूट की थी। आरोपी कपूरथला जिले के सदर क्षेत्र का रहने वाला है। उसके पास से 12 आधार कार्ड, 8 पासपोर्ट, 9 मोबाइल सिम मिले हैं।

आधार कार्ड में कुछ मेरठ और कुछ बाहर के पतों पर बताए गए हैं। बरामद दस्तावेजों और मोबाइल नंबरों की जांच कर पुलिस बदमाशों के पूरे नेटवर्क तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पता चला है कि उसने मेरठ सहित कई राज्यों में ऐसी वारदात को अंजाम दिया गया है।

2 नवंबर को राजमहल होटल में केरल के मलकपुरम के रहने वाले अभिलाष, उनकी पत्नी अनीता, डेढ़ साल का बेटा और तिरुवनंतपुरम के रहने वाले राहुल, उनके पिता अरविंद कुमार रुके थे। आरोपी राजेंद्र सिंह ने दोनों परिवार को नौकरी के लिए इंटरव्यू की बात कहकर होटल में बुलाया था। राहुल को कंपनी में ड्राइविंग और अभिलाष, उनकी पत्नी अनीता को कंपनी के डायरेक्टर की कोठी में काम करने के लिए कहा गया था। रात में इन लोगों को खाने में नशीला पदार्थ देकर आरोपी चार लाख रुपए और जेवरात लेकर दिल्ली भाग गया था।

राजेंद्र सिंह बाद में लुधियाना चला गया। मेरठ पुलिस ने लगातार 15 दिन तक आरोपी को ट्रेस करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 19 नवंबर को राजेंद्र ने लुधियाना के एक ATM से ट्रांजेक्शन किया। पुलिस को उसी ट्रांजेक्शन के आधार पर उसकी लोकेशन मिली। ATM की CCTV फुटेज में आरोपी नजर आया। मेरठ पुलिस ने लुधियाना के थाना सलेम टाबरी पुलिस से संपर्क किया।

आरोपी का CCTV फुटेज से फोटो लेने के बाद अपने पास फोटो से मिलान किया, तो वह मिलता-जुलता नजर आया। इसके बाद CCTV को ट्रेस करती हुई पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस की एक टीम कुरुक्षेत्र और दूसरी टीम पंजाब के लुधियाना में तलाश कर रही थी। सटीक सूचना के बाद आरोपी राजेंद्र सिंह को लुधियाना से पकड़ लिया गया।

पुलिस ने बताया कि राजेंद्र क्राइम पेट्रोल शो देखकर वारदात करता था और पुलिस से बचने के तरीके अपनाकर छिपता था। लुधियाना, पंजाब का रहने वाला राजेंद्र शातिर 16 साल से ठगी व लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहा था और पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है। अलग-अलग तरीके से ठगी करता था।

राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि वो लोगों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए अखबारों के विज्ञापन का सहारा लेता। ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग कंपनी से संपर्क कर देश विदेश में नौकरी दिलाने का विज्ञापन प्रकाशित करता था। विज्ञापन पढ़कर लोग उसमें दिए फर्जी मोबाइल नंबर पर बात करते। राजेंद्र उनसे पैसे लेता, उन्हें बुलाता और फिर नशा देकर लूट लेता था। आर्थिक रूप से मजबूत लोगों को इंटरव्यू के नाम पर उनके शहर से दूर बुलाकर खाने में नशीला पदार्थ मिलाने के बाद लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता था।

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