मध्य प्रदेश

अंतरराष्ट्रीय जल महोत्सव सम्मेलन के बाद अब कॉलेजों में जलसंरक्षण को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी

सम्मेलन में देश भर से 307 विशेषज्ञों और 32 कुलपतियों ने किया मंथन, पाठ्यक्रम बनाने के बिंदुओं पर की चर्चा

उज्जैन। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जल महोत्सव के सम्मेलन के बाद अब देश में कॉलेजों में जलसंरक्षण के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है। सम्मेलन में देश भर से 307 विशेषज्ञों ने जलतत्व को लेकर चर्चा की और जलसंरक्षण को लेकर मसौदा तैयार किया। इसमें देश के 32 यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों ने कांफ्रेंस कर इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने वाले बिंदुओं को निकाला है। जिन्हें अगले दिनों में अपने-अपने यूनिवर्सिटीज की समिति से चर्चा कर इन्हें पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया जाएगा।

देश में जल की कमी, प्रदूषण और इसके निवारण को देशज आधार पर किस तरह सुधारा जा सकता है को लेकर सुजलाम जल महोत्सव आयोजित हुआ था। इसमें निकले निष्कर्षों के बाद भारतीय संस्कृति, परंपरा और प्राचीन जल मॉडल पर अध्ययन कर एक ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसी सम्मेलन में देश के 32 यूनिवर्सिटी के कुलपति भी शामिल हुए। इन्होंने जलतत्व को लेकर मंथन किया, जिसमें जलसरंक्षण के विषय को कॉलेज के पाठ्यक्रम में किस तरह शामिल किया जाए, इसे लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सम्मेलन में विद्वानों ने भारतीय प्रज्ञा में जल तत्व की महिमा को विस्तार से बताया। साथ ही रामचरित मानस में जल तत्व की भूमिका को भी समाहित किया। भारतीय ज्ञान प्रणाली के माध्यम से जल तत्व के बारे में जानकारी भी एक-दूसरे के साथ साझा की गई। इस आधार पर जलतत्व को वर्तमान शिक्षा नीति में शामिल करने पर भी चर्चा की गई। आगामी दिनों में इन्हीं बिंदुओं पर शिक्षा नीति को शामिल करने का प्रयास रहेगा।

कॉलेजों की समितियां बनाएंगी पाठ्यक्रम

सुजलाम जल महोत्सव में 32 कुलपतियों की कांफ्रेंस में यह भी तय किया गया सम्मेलन से निकले बिंदुओं को अब कॉलेज स्तर पर बनी पाठ्यक्रम समिति के साथ साझा किया जाएगा। इसमें पर्यावरण के विषय के साथ जलतत्व को जोड़कर सम्मेलन में निकले भारतीय परिवेश के मसौदे को शामिल करते हुए पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।

पाठ्यक्रम में जलतत्व पर यह बिंदु किए जाएंगे शामिल

  • भारतीय संस्कृति में जल का महत्व

  • प्राचीन भारत में जल संरक्षण को लेकर किए प्रयोग

  • देश के अति सूखे वाले क्षेत्र में जलसंरक्षण की प्राचीन ज्ञान

  • जलसंरक्षण की भारतीय व विदेशी योजना ओर उनके परिणाम

  • पर्यावरण में पांच महाभूत का महत्व

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