बिलासपुर

एक और आघात! दादा मनीष दत्त नहीं रहे कला प्रेमियों में शोक की लहर

बिलासपर। काव्य भारती के संस्थापक व प्रख्यात रंगकर्मी मनीष दत्त का आज दुखद निधन हो गया। कला प्रेमियों के बीच दादा एवं कला गुरू के नाम से विख्यात मनीष दत्त के निधन से शोक की लहर व्याप्त है। एक ख्यातिलब्ध रंगकर्मी के रूप तथा डायरेक्टर के रूप में वे जाने जाते थे। आज दोपहर बाद 3 बजे अंतिम यात्रा उनके निवास से प्रारंभ होगा,मुखाग्नि सरकंडा मुक्तिधाम में सम्पन्न होगा।

उनके निधन की सूचना के बाद तमाम कला संगठनों तथा व्यक्तिगत रूप से उन्हे श्रद्धांजलि दी जा रही है। दादा पिछले कुछ समय से स्वास्थ्यगत कारणों से परेशानी महसूस कर रहे थे बावजूद उनके सक्रियता का हर कोई कायल रहा है। करीब 15 दिन पहले ही दिव्यांग बच्चों के कार्यक्रम में वे शामिल हुए थे साथ ही विगत दो फरवरी को कला प्रेमियों ने उनका आत्मीय सम्मान करते हुए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था। आज अचानक सुबह 10 बजे के लगभग उनके निध्रन का समाचार मिला।

वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जायसवाल ने उन्हे श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि – “ एक और आघात! बिलासपुर के सांस्कृतिक विकास का एक प्रमाणिक साक्ष्यकार चला गया। अभी 31 जनवरी को ही हिन्दी के एक विद्वान प्रो बांके बिहारी शुक्ल चले गए।और अब मनीष को यह आघात..मनीष मुझसे बड़े थे फिर भी मेरे साथ उनका व्यवहार मित्रवत रहा। हमारे आपस में “तू” और “तेरे” की घनिष्ठता थी।हमारी मैत्री तब की थी जब वह सुनील दत्त थे ।और अब वह “पूशू” थे। उस “पूशू” को श्रद्धांजलि..

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