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ओमिक्रॉन रहा पसार पैर, ब्रिटेन में 22 केस मिलने से हड़कंप; बूस्टर डोज से बाहुबली बनेंगे जापानी …

लंदन। दुनिया भर में फिलहाल ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। हालांकि अब तक यह क्लियर नहीं है कि इसके कितने खतरे हैं और कितनी तेजी से यह पैर पसार सकता है। हालांकि जापान, ब्रिटेन, इजरायल जैसे देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर नियमों को सख्त कर दिया है। बुधवार को जापान में बूस्टर डोज लगने की शुरुआत हुई। कुछ डॉक्टरों और नर्सों ने बूस्टर डोज लेकर इस अभियान को आगे बढ़ाया। अब तक जापान के 77 पर्सेंट लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं और अब वैक्सीनेशन का नया राउंड शुरू हो गया है।

कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया में धीरे-धीरे पैर पसारता दिख रहा है। हाल ही में कोरोना संकट से उबरते दिखे ब्रिटेन में एक बार फिर से संकट बढ़ गया है। यहां ओमिक्रॉन वैरिएंट के 22 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा इस संख्या के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ब्रिटिश हेल्थ मिनिस्टर साजिद जावेद ने कहा कि इस वैरिएंट का कितना असर हो सकता है, इसके बारे में अगले दो सप्ताह में जानकारी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक फिलहाल इसके असर का पता लगाने में जुटे हैं। इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन के इस वैरिएंट पर असर को लेकर कहा कि ऐसा लगता है कि ये कारगर होंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा संभव है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन का असर कम हो, लेकिन अब भी ये इससे निपटने का सबसे अच्छा उपाय हैं।

इस बीच जापान ने भी ओमिक्रॉन वैरिएंट का मामला देश में मिलने के बाद सख्ती बढ़ा दी है। जापान में बूस्टर डोज दिए जाने का भी फैसला लिया गया है। फिलहाल हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की तीसरी अथवा बूस्टर डोज दी जाएगी। जापान में इसी साल फरवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था और करीब 9 महीने बाद हेल्थवर्कर्स को अब बूस्टर डोज दिए जाने की तैयारी है। मंगलवार को ही जापान में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला मिला था। बता दें कि जापान ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है। इसके अलावा इंटरनेशनल ट्रैवलर्स की एंट्री पर भी रोक लगा दी है।

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