लेखक की कलम से

जीवन और परिवार …

अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस की हार्दिक बधाई

 

 

 

जीवन को समृद्ध करने के लिए, जब परिवारिक इकाई,

समाज ने बनाई।

 

फिर क्यों ……..???

आज के परिवेश में,

घर बना कर,

परिवार बनाकर ।

 

जिंदगी बस ,

अपने -अपने ,

कमरे तक ही समाई ।।

 

जबकि जिंदगी को ,

समृद्ध करने के लिए ,

जब हम और आपने ,

परिवारिक इकाई,

समाज के विकास के लिए बनाई।

 

क्यों हमने ……सोचा नहीं।

 

 हर आने वाली ,

 पीढ़ी पर ही,

 गलती- दर -गलती ठहराई।

 

परिवार तो बना लिए,

लेकिन एक -दूसरे के सम्मान पर, जब सवाल ही उठा दिए ।

 

कुछ ने अपने फायदा के लिए, परिवार में,

राजनीतिक दल बना लिए।

 

एक छत के नीचे ,

एक- दूसरे से मुंह – चिढ़ा रहे।

 

 शायद आज…….. इसलिए

 वक्त ने सब के,

 मुंह पर मास्क चढ़ा दिए।।

 

 जिंदगी इतनी बिखरी ,

ना घर -घर के ,

न घाट के रहे ।

 

अब भी वक्त है ….…!!!!!!!!

संभल जाएं ।

घर जीवन की इकाई है।

 

 खुशियों के साथ ,

 मुस्करा कर,

 इसे अपनाएं ।

 

 घर -परिवार नाम के नहीं।

 इसे आत्मा के साथ जोड़कर,

 

 परिवार दिवस ,

विश्व -परिवार की तरह मनाएं।

वसुदेव -कुटुंबकम हो जाएं।।

©प्रीति शर्मा, सोलन हिमाचल प्रदेश

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