नई दिल्ली

‘केजरीवाल 16 मार्च को अदालत में पेश हों’, ED के समन की अनदेखी पर कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली

 मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने आठ समन की नाफरमानी से निराश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत का रुख किया है। इस मामले में अदालत से सीएम केजरीवाल को झटका मिला है। दिल्ली की राउज एवेन्यू की एक मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने ईडी की ताजा शिकायत पर संक्षेप में दलीलें सुनी और इस मामले में सीएम केजरीवाल को 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। ईडी दिल्ली की अब रद्द हो चुकी शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री को अपने दफ्तर बुला रही है। इसके लिए वह अब तक उन्हें आठ बार समन दे चुकी है। पहले पांच समन की नाफरमानी के संबंध में अदालत ने 7 मार्च को सीएम को समन कर 17 फरवरी को अपने सामने हाजिर होने का निर्देश दिया था। हालांकि, केजरीवाल ने तब बजट सत्र जारी होने के आधार पर अदालत से व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी और 16 मार्च को हाजिर होने का अदालत को भरोसा दिलाया था। 17 फरवरी को वह विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत के सामने आए थे।

अदालत ने भेजा पेशी का समन
ईडी ने सीआरपीसी की धारा 190(1)(ए) के तहत ताजा कंप्लेंट दी और मुख्यमंत्री पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के सेक्शन 50 के तहत उसके समन के अनुपालन में विफल रहने का आरोप लगाया। ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू और स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर जोहेब हुसैन विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही से जुड़े। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने संक्षेप में दलीलें सुनी और केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने का समन भेजा।

ईडी पहले भी दाखिल कर चुका है याचिका
अदालत ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 50 (3) के तहत प्रतिवादी (अरविंद केजरीवाल) भेजे गए समन के अनुपालन में व्यक्तिगत रूप से संबंधित अधिकारी के सामने पेश होने के लिए बाध्य थे, हालांकि ऐसा करने में वह विफल रहे। इसे आईपीसी की धारा 174(सरकारी कर्मचारी के आदेश की अवज्ञा करते हुए गैर हाजिर रहना) के तहत अपराध मानते हुए अदालत ने शिकायत पर संज्ञान लिया था और आदेश दिया था कि अरविंद केजरीवाल को 17 फरवरी के लिए समन जारी किया जाए।

बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल को ईडी 8 समन जारी कर चुकी हैं, लेकिन केजरीवाल अभी तक किसी भी नोटिस के जवाब में जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. ऐसे में इन समन को छोड़ना उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, क्योंकि लगातार समन को छोड़ना ईडी की धारा 19 के तहत असहयोग के लिए अभियोग की जमीन मजबूत कर रहा है.

क्या है मामला

22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई. नई नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई, जिसके बाद शराब पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई. इस नीति को लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दिया.

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