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कमल हासन ने आज ईवीएम को लेकर बयान दिया, हमें EVM को दोष नहीं देना चाहिए

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) से मतदान का मुद्दा गरमाया हुआ है। एमएनएम चीफ और एक्टर कमल हासन ने रविवार को ईवीएम को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमें EVM को दोष नहीं देना चाहिए। इस बात को समझाते हुए हासन ने कहा कि अगर कोई हादसा होता है तो उसका कारण कार नहीं, बल्कि ड्राइवर होता है। उन्होंने कहा, 'इस चुनाव के बाद हमें ईवीएम पर फैसला करना होगा। यह लोग ही बताएंगे कि ऐसा किस प्रकार से होगा। यहां तक ​​कि उनके भगवान राम को भी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था। इसलिए हम इन ईवीएम मशीनों की सत्यता की जांच करेंगे और मैं ऐसा कहकर किसी का मजाक नहीं उड़ा रहा हूं।'

कुछ दिनों पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वो ईवीएम के नहीं, बल्कि उनमें हेरफेर के खिलाफ है। पार्टी ने मतदान प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती की मांग की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि पार्टी मतपत्रों के फिर से इस्तेमाल की मांग नहीं कर रही है, बल्कि वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट (VVPAT) पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती चाहती है ताकि मतदाताओं का विश्वास बहाल हो सके। रमेश ने कहा, '19 दिसंबर 2023 को आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान सभी दलों ने यह कहा कि हम ईवीएम के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसमें हेरफेर के खिलाफ हैं। हम मतपत्रों पर वापस जाने के लिए नहीं कह रहे हैं। हम सिर्फ वीवीपैट की 100 प्रतिशत गिनती और मिलान का अनुरोध करते हैं।'

EVM से जुड़े तमाम सवालों को चुनाव आयुक्त ने किया खारिज
हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने EVM से जुड़े तमाम सवालों और दावों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि वोटिंग मशीनें शत प्रतिशत सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश की अदालतों ने 40 बार ईवीएम को लेकर दी गई चुनौतियों को खारिज किया है और अब तो अदालतें जुर्माना भी लगाने लगी हैं। सीईसी के अनुसार, '40 बार इस देश की संवैधानिक अदालतों ने ईवीएम से जुड़ी चुनौतियों को देखा है। कहा गया था कि ईवीएम हैक हो सकती है, चोरी हो जाती है, खराब हो सकती हैं, नतीजे बदल सकते हैं। हर बार संवैधानिक अदालतों ने इसे खारिज कर दिया। अदालतों ने कहा कि इसमें वायरस नहीं हो सकता, छेड़छाड़ नहीं हो सकती। अब तो अदालत ने जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।'

 

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