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पिता चलाते हैं पान की दुकान, बेटे ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को दिलाया पहला मेडल …

बर्मिंघम। भारत ने बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन शनिवार को अपने पदकों का खाता खाेल लिया। भारत को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहला मेडल वेटलिफ्टर संकेत महादेव सरगर ने मेंस 55 किलो भारोत्तोलन स्पर्धा में दिलाया। संकेत सरगर ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। हालांकि, वे गोल्ड मेडल भी जीत सकते थे, लेकिन फाइनल में दूसरे अटेम्प्ट के दौरान वे चोटिल हो गए।

चोट के बावजूद वे तीसरे अटेम्प्ट के लिए आए, लेकिन उनकी वो चोट और भी ज्यादा गंभीर हो गई। महाराष्ट्र के सांगली जिले के 21 वर्ष के सागर स्वर्ण पदक की ओर बढ रहे थे लेकिन क्लीन एंड जर्क में दो प्रयास नाकाम रहने से वह एक किलो से चूक गए । उन्होंने 248 किलो (113 और 135 किलो) वजन उठाकर रजत पदक जीता।

महज एक किलो से स्वर्ण पदक जीतने से चूकने वाले संकेत ने सिल्वर मेडल जीतने के बाद कहा, मैं अपना पदक भारत  के स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करता हूं, जिन्होंने देश की आज़ादी के  लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। मेडल जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन थोड़ा नाराज भी हूं क्योंकि मुझे गोल्ड मेडल जीतना था। मैं दूसरे प्रयास में चोटिल हो गया, मेरे हाथ में चोट है और मुकाबले के दौरान मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था। अभी मेरा लक्ष्य हाथ की चोट से उबरना है। उसके बाद मैं अपना अगला टारगेट बनाऊंगा।

संकेत सरगर तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं और इसके अलावा उन्होंने पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल जीता था। संकेत के निजी जीवन की बात करें तो वह स्वभाव से ही थोडे शर्मीले हैं और मुकाबलों के दौरान अपनी टीम के सपोर्ट स्टाफ के अलावा किसी से बात नहीं करते हैं। संकेत के पिता महाराष्ट्र के सांगली जिले में पान की दुकान चलाते हैं। संकेत भी दुकान पर खाली समय में अपने पिता की मदद करते हैं। उन्होंने इस साल फरवरी में सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल में 256 किग्रा (स्नैच में 113 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 143 किग्रा) उठाकर कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दूसरे दिन संकेत सरगर ने 55 किलो की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के फाइनल में 135kg के क्लीयर जर्क के साथ कुल 248kg वेट उठाया। वहीं, मलेशिया के अनीक ने 142kg क्लीयर जर्क के साथ 249kg वेट उठाया और गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। 21 साल के संकेत सरगर ने देश का नाम रोशन करने का काम किया है। हालांकि, पूरे देश को उम्मीद होगी कि उनकी चोट जल्दी ठीक हो जाए।

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