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डॉक्टर साकेत सहाय को रामायण महाविश्वकोश के संपादन का गौरव, मोदी करेंगे कल अयोध्या में विमोचन

छपरा (राजीव रंजन) । अयोध्यापति श्रीराम एवं रामायण की दुनियाभर में मौजूद दस्तावेजों को संकलित कर एक रामायण विश्वमहाकोश (ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण) बनाया जा रहा है। इसके संपादक मंडल में छपरा के सदर प्रखंड के टाड़ी गांव निवासी डॉ. साकेत सहाय भी शामिल किए गए हैं। छपरावासी उनकी इस उपलब्धि पर प्रफुल्लित हैं।

डा. सहाय बताते हैं कि कई खंडों वाले इस विश्वमहाकोश में भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में रामकथाएं, रामलीलाओं के मंचन, गायन, लोक कथा, लोककला, चित्रकला, मूर्तिकला आदि माध्यमों में उपलब्ध सामग्री को संकलित किया जाएगा। यह कार्य अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश कर रहा है। संस्थान के निदेशक योगेन्द्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में उन्हें पत्र भेजा है। संपादक मंडल में पद्मश्री नरेंद्र कोहली समेत ग्यारह लोग हैं। फिलवक्त डॉ. साकेत गुरुग्राम में राज्यभाषा मंडल कार्यालय में वरिष्ठ प्रबंधक हैं। वे वायुसेना में प्रशासनिक सहायक पद से सेवानिवृत होने के बाद सेवा दे रहे हैं। डॉ. साकेत सहाय के घर में खुशी का माहौल है। छोटे भाई राकेश सहाय ने कहा कि यह छपरा के लिए गर्व की बात है।

डॉ. साकेत सहाय ने बताया कि पहला खंड अयोध्या पर आधारित होगा। इस विश्वमहाकोश के कवर पेज का पांच अगस्त को प्रधानमंत्री अयोध्या में लोकार्पण करेंगे। रामायण विश्व महाकोश को विभिन्न खंडों में विभाजित करते हुए पहले अयोध्या खंड तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसमें अयोध्या के नामकरण के साथ पुरातत्व, इतिहास और उसके सांस्कृतिक, धार्मिक व साहित्यिक परिप्रेक्ष्य को समाहित किया जाएगा। दूसरे खंड में अयोध्या के राजाओं पर शोधपरक जानकारी एकत्र की जाएगी। तीसरे खंड के लिए प्रदेश की जानकारियां संकलित की जा रही हैं। प्रत्येक खंड 1100 पृष्ठों का होगा।

स्व. चतुर्भुज नाथ सहाय के पुत्र डॉ. साकेत सहाय को राजभाषा गौरव सम्मान से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में सम्मानित किया था। डॉ. साकेत द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया भाषिक संस्कार एवं संस्कृति पुस्तक लिखी लिख चुके हैं। डॉ. साकेत ने 2018 में 11वें विश्व हिंदी दिवस पर मॉरीशस में शोध पत्र पढ़ा। इसके अलावा देश की 25 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध परक लेख प्रस्तुत किए हैं। वायुसेना में रहते हुए वायुसेना की पत्रिका वायु जनशक्ति के उपसंपादक रह चुके हैं।

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