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रेप का आरोपी राम रहीम मर्डर का भी दोषी, पीड़ित का बेटा बोला-आज चैन से सोऊंगा…

चंडीगढ़। शुक्रवार को सीबीआई अदालत ने रंजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चार लोगों को भी दोषी ठहराया है। राम रहीम को दोषी ठहराए जाने पर मृतक रंजीत सिंह के बेटे ने कहा- हमें डेरा का खौफ तो है, लेकिन आज मैं चैन से सोऊंगा। राम रहीम रेप का भी आरोपी है और वह वर्तमान में रोहतक की एक जेल में बंद है।

 

पीड़ित मृतक रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जब वे केवल आठ वर्ष के थे तो 10 जुलाई, 2002 की शाम को उनके गांव खानपुर कोलियान के खेतों में चार हमलावरों ने उनके पिता रंजीत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस घटना को याद करते हुए जगसीर सिंह कहते हैं कि मैं उस समय बच्चा था और मुझे याद है कि कैसे मैं अपने पिता के साथ उनकी मोटरसाइकिल पर खेतों में जाता था। उस दिन घर में बिजली नहीं थी। मैं अपने पिता से बार बार कर रहा था कि मुझे खेतों में ले चलो। हम जाने वाले थे लेकिन तभी बिजली दोबारा से आ गई और ट्यूशन शिक्षक आने के कारण मुझे घर पर रहना पड़ा। मैंने उन्हें अपनी मोटरसाइकिल पर जाते हुए देखा लेकिन वह कभी वापस लौट कर नहीं आए। लेकिन आज जब अदालत ने उनके हत्यारों को दोषी ठहराया है तो मुझे यकीन है कि उसकी आत्मा को शांति जरुर मिलेगी।

 

 

शुक्रवार को हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत ने मैनेजर रंजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चार लोगों को दोषी ठहराया। मर्डर के आरोप में दोषी ठहराया गया गुरमीत राम रहीम रेप का भी आरोपी है और वह वर्तमान में रोहतक की एक जेल में बंद है। गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद मृतक रंजीत सिंह के बेटे ने कहा कि हमें डेरा का खौफ तो है लेकिन आज चैन से सोऊंगा।

 

पीड़ित मृतक रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जब वे केवल आठ वर्ष के थे तो 10 जुलाई, 2002 की शाम को उनके गांव खानपुर कोलियान के खेतों में चार हमलावरों ने उनके पिता रंजीत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस घटना को याद करते हुए जगसीर सिंह कहते हैं कि मैं उस समय बच्चा था और मुझे याद है कि कैसे मैं अपने पिता के साथ उनकी मोटरसाइकिल पर खेतों में जाता था। उस दिन घर में बिजली नहीं थी। मैं अपने पिता से बार बार कर रहा था कि मुझे खेतों में ले चलो। हम जाने वाले थे लेकिन तभी बिजली दोबारा से आ गई और ट्यूशन शिक्षक आने के कारण मुझे घर पर रहना पड़ा। मैंने उन्हें अपनी मोटरसाइकिल पर जाते हुए देखा लेकिन वह कभी वापस लौट कर नहीं आए। लेकिन आज जब अदालत ने उनके हत्यारों को दोषी ठहराया है तो मुझे यकीन है कि उसकी आत्मा को शांति जरुर मिलेगी।

 

क़ानूनी न्याय मिलने के बाद भी जगसीर और उनके परिवार वालों को डेरा और उसके समर्थकों का भय सता रहा है। इस दौरान जब जगसीर से पूछा गया कि क्या हम आपके परिवारवालों की फोटो छाप सकते हैं। तो उन्होंने फोटो ना छापने का आग्रह करते हुए कहा कि मैं सुर्ख़ियों में नहीं आना चाहता हूं। डेरा के हजारों-लाखों अनुयायी हैं जो मुझे और मेरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतने सालों से हम डर के साए में जी रहे थे, लेकिन अपने पिता को न्याय दिलाना ही हमारा एकमात्र मकसद था जो बिना किसी गलती के मारे गए थे।

 

अपने पिता की हत्या के दिन को याद करते हुए जगसीर यह भी कहते हैं कि यह सब नियति है। साथ जाने की जिद करने के बावजूद मेरे पिता ने मुझे अपने साथ नहीं लिया। अगर मैं उनके साथ जाता तो मेरी भी वही किस्मत होती तो जो उनकी हुई। बता दें कि रंजीत सिंह हत्याकांड में दोषी पाए गए पांचों आरोपियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाया जाएगा।

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