मध्य प्रदेश

कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघ का शिकार: कहीं चीतों की तरह न हो जाए टाइगर के हाल …

बालाघाट। एक तरफ प्रदेश में चीतों के आने के बाद खुशी का महौल है। प्रदेश लेपर्ड स्टेट, टाइगर स्टेट के बाद चीता स्टेट बन गया है, लेकिन प्रदेश का ये नाम शिकारियों को रास नहीं आ रहा है। मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से लगे बैहर में वन विभाग कार्यालय से महज कुछ दूरी पर झाडियों में बाघ की खाल मिली है। टाइगर के शिकार की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, खाल करीब डेढ़ साल के नर शावक की है।

वन विभाग को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुए थी कि बालाघाट जिले के बैहर वन परिक्षेत्र अंतर्गत बैहर मुक्की मार्ग पर कान्हा नेशनल पार्क क्षेत्र से लगे वन विभाग के कार्यालय के पास किसी व्यक्ति द्वारा झाड़ियों में वन्य प्राणी बाघ की खाल को छुपाकर रखा है। सूचना पर अमले ने कार्रवाई करते हुए खाल बरामद की। इसके बाद हरकत में आए वन अमले ने बाघ की खाल को झाड़ियों से बरामद किया। वन विभाग की टीम द्वारा डॉक्टर से खाल का परीक्षण कराकर जांच की जा रही है। प्राथमिक रूप से मामला शिकार का प्रतीत हो रहा है।

वन विभाग के अधिकारियों ने इस संबध में बताया कि इस मामले में अभी आरोपी अज्ञात हैं। वहीं, पशु चिकित्सक का कहना है कि बाघ की उम्र करीब डेढ़ से दो साल रही होगी। विभाग द्वारा खाल का परीक्षण कर डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल लिए गए हैं, जिसे जबलपुर वेटनरी कॉलेज भेजा जा रहा है। वहां से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ड जांच कर रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। बहरहाल, जांच की जा रही है।

बता दें एक रोज पहले ही 8 चीते अफ्रीका के नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कूनों पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने चीतों के शिकार को बात कही थी, जिसमें पीएम ने बताया था कि भारत की धरती से चीते कैसे गायब हो गए।

Back to top button