मध्य प्रदेश

सरदार सरोवर बांध की सुरक्षा पर खतरा: बांध से रिस रहा पानी, मप्र समेत 7 राज्यों के सामने बड़ी चुनौती, डैम सेफ्टी पैनल की रिपोर्ट के हवाले से मेधा पाटकर का दावा…

भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने दावा किया है कि सरदार सरोवर बांध से पानी का रिसाव हो रहा है। उन्होंने डैम सेफ्टी पैनल की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि ये बांध की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों के लिए बड़ी चुनौती है। साथ ही यह निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

यह दावा नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने सोमवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान किया। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध की दीवार से पानी रिस रहा है, जो दर्शाता है कि वह कितना असुरक्षित बना है। यह तथ्य डैम सेफ्टी पैनल के दस्तावेजों से सामने आया है। उन्होंने कहा कि जहां नहर नहीं बनाई जानी थी, वहां गुजरात में बनाई गई। इसका मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने विरोध किया था। नहर बनने से गुजरात में पानी की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई है।

मेधा पाटकर ने कहा कि आज नर्मदा सूखी पड़ी है। बड़वानी व आस-पास के गांवों के लोगों को पेयजल के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठक होने वाली है। इसमें गुजरात सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि सरदार सरोवर बांध की दीवार से बड़े पैमाने पर पानी रिसने के कारण बांध का पानी कम किया जाए। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो गुजरात नहरों का संचालन शुरू कर देगा। इससे मध्य प्रदेश में नर्मदा के जलस्तर पर बुरा असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अभी भी नर्मदा नदी की स्थिति बेहद खराब है। नर्मदा के आस-पास के शहरों जैसे बड़वानी और कसरावद में जलप्रवाह प्रभावित हुआ है। उन्होंने पुनर्वास और बिजली उत्पादन का लाभ मध्य प्रदेश को नहीं मिलने पर बांध निर्माण का उद्देश्य पूर्ण नहीं होने का आरोप लगाया। इस दौरान मेघा पाटकर के साथ मौजूद तथा नर्मदा बचाओ आंदोलन से ही जुड़े देवीसिंह पटेल ने कहा कि हमारा संगठन पिछले 36 साल से जो आशंका जता रहा था, वह सच साबित हो रही है। कई जगह नर्मदा का जलप्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब सवाल नर्मदा के अस्तित्व को बचाने का है।

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