मध्य प्रदेश

चयनित शिक्षकों का आंदोलन 10 घंटे बाद खत्म, सुबह 9 बजे से बीजेपी दफ्तर का घेराव कर धरने पर डटे थे चयनित शिक्षक, एफआईआर की चेतावनी दी तो हटे…

भोपाल। यहां बुधवार को 10 घंटे तक चला चयनित शिक्षकों का आंदोलन शाम को खत्म हो गया। वे सुबह 9 बजे से भाजपा  दफ्तर का घेराव कर धरने पर डटे थे। शाम को कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली पहुंचे और चयनित शिक्षकों से हटने को कहा, लेकिन जब वे नहीं माने तो कुछ समय की मोहलत दी और फिर एफआईआर दर्ज करने के लिए नाम-पते लिखे जाने लगे। साथ ही मोबाइल पर वीडियो भी बनाए गए। एफआईजार की चेतावनी के बाद अधिकांश महिला-पुरुष हट गए। कुछ को पुलिस ने जबरदस्ती हटा दिया।

कार्रवाई से चलते कई महिलाएं रोने लगी तो एफआईआर की बात सुनकर कई पुलिसकर्मियों के सामने हाथ जोड़ने लगी। इस दौरान बारिश भी होने लगी। कई महिलाएं छाता लेकर डटी रहीं, लेकिन जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ कम हुई तो उनके हौंसले भी पस्त हो गए। इन्हें चेतावनी दी गई कि यदि नहीं हटे तो एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी और फिर कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी। यह सुनकर महिलाएं डर गईं और आखिरकर वे हट गईं।

पुलिस कार्रवाई के डर से कई महिलाएं पुलिसकर्मियों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगी। वे रोने भी लगी। दूसरी ओर कई महिलाएं कार्रवाई का विरोध कर रही थी। उनका कहना था कि नियुक्ति के लिए धरना देने पर ही कोरोना का खतरा है, लेकिन राजनीतिक कार्यक्रमों से कोरोना नहीं फैलेगा? हालांकि, पुलिस की सख्ती से उनकी एक न चली। कई महिलाओं ने जब वीडयो-फोटो से इनकार किया तो जबरदस्ती की गई। हालांकि, डीआईजी ने जवानों को साफ तौर पर कहा कि मारपीट या अन्य तरीके से न हटाया जाए।

पुलिस बरसते पानी में कार्रवाई करती रही। शाम 7.30 बजे से सभी को मौके से हटा दिया गया था। वहीं धरनास्थल पर बेरिकेडिंग की गई। कार्रवाई के दौरान सड़क पर ट्रैफिक रोक दिया गया। इस कारण हबीबगंज रेलवे स्टेशन से एमपी नगर तक दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए।

इससे पहले सुबह 9 बजे प्रदेशभर से आए सैकड़ों चयनित शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस का घेराव कर दिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान से उनकी मांग थी कि उन्हें जल्द नियुक्ति दी जाए, ताकि वे परिवार का भरण-पोषण कर सकें। नारेबाजी के दौरान कई महिलाएं रो पड़ीं और कुछ बेहोश भी हो गईं। चयनित महिला शिक्षक ‘हम होंगे कामयाब’ का नारा लगाती रही। महिलाओं ने मुख्यमंत्री से नियुक्ति की मांग को लेकर उठक-बैठक की तो कई महिलाएं सड़क पर नतमस्तक भी हो गईं। इस दौरान कुछ महिलाएं हाथों में राखी की थालियां सजाकर पहुंची। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को राखी बांधकर नियुक्ति पत्र तोहफे में लेकर जाऊंगी। हालांकि, उन्हें शाम को हटा दिया गया।

सुबह नारेबाजी के दौरान इंदौर की विनीता शर्मा की तबीयत बिगड़ गई। अन्य महिला साथियों ने विनीता को संभाला। विनीता का कहना है कि 3 साल पहले उसका संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1 के पद पर चयन हो गया था, लेकिन स्कूल में अब तक नियुक्ति नहीं मिली है। इंदौर से आई एक अन्य चयनित शिक्षिका का कहना है कि नियुक्ति का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार सोई हुई है, हमारी मांग पूरी नहीं हो रही है। सुबह 9 बजे से ही प्रदेशभर से चयनित शिक्षकों ने बीजेनी दफ्तर के बाहर डेरा डाल दिया। कुल 3 हजार चयनित शिक्षकों में करीब एक हजार महिलाएं हैं। कई महिलाएं ऐसी थीं, जो अपने दुधमुंहे बच्चों को साथ लाई थी। किसी की गोद में बच्चा बैठा था तो किसी को उसके पिता संभाल रहे थे।

प्रदर्शन कर रहीं कई महिलाओं के हाथों में सजी हुई थालियां दिखीं। थालियों में राखियां भी थीं। इन महिलाओं ने कहा कि वे चाहती थीं कि सीएम शिवराज सिंह चौहान उन्हें राखी का उपहार नियुक्ति के रूप में दें। दूसरी ओर सीएम शिवराज के ट्वीट किए हुए फ्लैक्स-बैनर भी बनवाए गए, जिसमें शिवराज ने नियुक्ति की बात कही थी। चयनित शिक्षक मनोज रजौरिया ने कहा कि हम प्रदेश स्तर पर 15 से ज्यादा बार प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार हमें मंत्री और अधिकारियों के तरफ से आश्वासन मिलता है, लेकिन समय गुजर जाने के बाजवूद कोई कार्रवाई नहीं होती।

प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षक वर्ग-1 और शिक्षक वर्ग-2 के 30 हजार से ज्यादा पदों को भरने के लिए 2018 में नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें वर्ग-1 के 19,200 पद और वर्ग-2 के 11,300 के करीब पद थे। इसके बाद 2200 पद अलग से बाद में जोड़े गए। इन पदों के लिए पात्रता परीक्षा 2019 में आयोजित की गई। इसके रिजल्ट आने के बाद जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक सभी चयनित शिक्षकों के सत्यापन की भी प्रक्रिया पूरी कर ली गई, लेकिन अब सरकार नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। इसको लेकर ही चयनित शिक्षक लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

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