मध्य प्रदेश

भोपाल में आई एमपी की सबसे ऊंची हाइड्रोलिक मशीन, अब 18 मंजिल तक रेस्क्यू कर सकेगी, निगम ने साढ़े 5 करोड़ में खरीदी 52 मीटर ऊंची ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक मशीन ….

भोपाल। नगर निगम ने 52 मीटर ऊंची ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक मशीन खरीदी है। साढ़े 5 करोड़ रुपए की यह मशीन बहुमंजिला इमारतों की 18 मंजिल यानी 170 फीट ऊंचाई तक न सिर्फ आग बुझा सकेगी, बल्कि उसमें फंसे लोगों का रेस्क्यू भी कर सकेगी। मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे ऊंची यह हाइड्रोलिक मशीन फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल हो गई है।

भोपाल नगर निगम ने इस ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन को गुरुग्राम से खरीदा है। कंपनी के ऑपरेटर मशीन का ट्रायल दे रहे हैं और निगम के 8 ड्रायवरों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। एक सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद इसे मैदान में उतार दिया जाएगा। ट्रायल के दौरान ड्रायवरों को जहां मशीन को चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं, सभी फायर ऑफिसर और कर्मचारियों को मशीन के बकैट (रेस्क्यू केज) में भी बैठाया जा रहा है, ताकि, वे ऊंचाई पर पहुंचकर ट्रायल ले सकें।

करीब ढाई साल पहले दिए आर्डर के बाद यह फायर मशीन राजधानी में आ पाई है। प्रदेश में पहली ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक मशीन एक साल पहले ग्वालियर में आ चुकी है। हालांकि, ग्वालियर में यह मशीन पिछले साल अगस्त में हादसे का शिकार भी हो चुकी है। इस हादसे में 3 कर्मचारियों की मौत हुई थी।

नगर निगम के अपर आयुक्त केपी सिंह परिहार के अनुसार यह हाइड्रोलिक मशीन मेक इन इंडिया है, जो 17 से 18 मंजिला इमारत तक पहुंचने की क्षमता रखती है और 360 डिग्री पर भी घूम सकती है। यह रेस्क्यू में भी काम आएगी। फिलहाल, यह मशीन पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर में खड़ी की गई है। दो दिन से ट्रायल कर कर रहे हैं। ड्रायवरों को मशीन और गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मशीन से जुड़ी हर बारीकीं समझाई जा रही है। एक से दो सप्ताह तक ट्रेनिंग दी जाएगी।

मध्यप्रदेश की पहली 52 मीटर हाइड्रोलिक फायर मशीन ग्वालियर में आ चुकी है। इसकी वजह से बड़ा हादसा भी हो चुका है। इसलिए भी चिंता सता रही है। बता दें कि ग्वालियर में 14 अगस्त 2021 को महाराज बाड़ा स्थित नगर निगम के भवन पर लगे भारतीय झंडे की डोरी बदलने के लिए नगर निगम कर्मचारियों को तत्कालीन प्रभारी फायर ऑफिसर उमंग प्रधान ने पहुंचाया था।

इस दौरान करीब 65 फीट की ऊंचाई पर झंडे की डोरी बदलने के बाद अचानक हाइड्रोलिक क्रेन के जैक और प्लेटफार्म उखड़ने और टूटने से क्रेन नीचे आ गिरी थी। इसमें निगम के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले इतना बड़ा हादसा होने के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ था। खुद मुख्यमंत्री ने मृतक कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरी की बात कही थी।

इस मशीन को लेकर भी ये हैं बड़ी चुनौतियां

  • –  निगम के फायर बेड़े में शामिल 52 मीटर ऊंची ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन की चौड़ाई ज्यादा है। ऐसे में शहर की संकरी सड़कों पर उसे ले जाना मुश्किल रहेगा।
  • –  ग्वालियर में हादसा हो चुका है। ऐसे में इसे ऑपरेट करने वाले कर्मचारियों का पूरी तरह से दक्ष होना जरूरी। अपर आयुक्त परिहार ने कहा कि हमारी कोशिश है कि कंपनी के ऑपरेटर एक साल तक यहां रहें, ताकि कर्मचारी इसे अच्छी तरह से ऑपरेटर करना सीख लें।
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