नई दिल्ली

राष्ट्रपति शासन लगेगा: कैबिनेट ने राष्ट्रपति के पास भेजी सिफारिश, नारायणसामी के इस्तीफे के बाद किसी ने भी पुडुचेरी में सरकार बनाने का दावा नहीं किया पेश …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी। पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की सिफारिश के बाद मंत्रिमंडल ने बुधवार को इसका प्रपोजल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है। 22 फरवरी को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा भेजा था।

माना जा रहा था कि विपक्षी दल सरकार बनाने का दावा पेश करेगा, लेकिन अन्नाद्रमुक ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि चुनाव करीब हैं और पार्टी चुनाव में उतरेगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नारायण सामी के इस्तीफे के बाद किसी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। इसलिए उप-राज्यपाल ने 14वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की। अब हमने इसे राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग हो जाएगी।

पुडुचेरी में सरकार का संकट 25 जनवरी को शुरू हुआ था। उस दिन पीडब्ल्यूडी मंत्री नमस्सिवयम और थीप्पाइंजन ने विधायक पद से इस्तीफा दिया था। ये भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस के 3 और DMK के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा एक कांग्रेसी विधायक अयोग्य ठहराए गए। ऐसे में फ्लोर टेस्ट के पहले ही कांग्रेस गठबंधन का संख्या बल 12 हो गया। बहुमत साबित करने के लिए 14 का आंकड़ा चाहिए था।

विपक्ष की बात करें तो एआइएनआरसी के 7, एआईएडीएमके के 4 और भाजपा के 3 मनोनीत सदस्य मिलाकर आंकड़ा 14 तक पहुंचा। माना भी यही जा रहा था कि अन्नाद्रमुक सरकार बनाने का दावा पेश करेगी, पर पार्टी ने ऐसा नहीं किया।

15 फरवरी को ही पार्टी के सीनियर लीडर राहुल गांधी हालात संभालने पुडुचेरी पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। उल्टा, अगले ही दिन 16 फरवरी को विधायक जॉन कुमार का भी इस्तीफा हो गया। ऐसे में हालात और बिगड़ गए।

16 फरवरी को कांग्रेस के चौथे विधायक का इस्तीफा होते ही केंद्र की मोदी सरकार एक्शन में आई और आनन-फानन में किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से हटा दिया गया। उनकी जगह तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन को प्रभार सौंपा गया। सुंदरराजन ने सरकार से 22 फरवरी को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया।

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