मध्य प्रदेश

‘महाकाल लोक’ के दूसरे चरण को भी आकर्षक बनाने की तैयारी, अब महाकुंभ सिंहस्थ, महाशिवरात्रि, नागपंचमी जैसे विशेष अवसरों पर भीड़ प्रबंधन में भी मिलेगी मदद ….

उज्जैन। ज्योतिर्लिग महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विकास एवं विस्तार योजना के दूसरे चरण को भी आकर्षक बनाने की तैयारी है। इससे उज्जैन की भव्यता व दिव्यता और बढ़ेगी। प्रथम चरण के लोकार्पण कार्यक्रम के कारण दूसरे चरण के काम मंद पड़ गए थे, जिन्हें तेज कर दिया गया है। प्रशासन को महाकुंभ सिंहस्थ, महाशिवरात्रि, नागपंचमी जैसे विशेष अवसरों पर भीड़ प्रबंधन में भी अब मदद मिलेगी।

उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी 505 करोड़ रुपये से काम करवा रही है। काम पूर्ण कराने का लक्ष्य जून- 2023 रखा गया है। कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार 8 महीनों में महाकालेश्वर मंदिर जाने के लिए सभी प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण किया जाना है। बड़े रद्रसागर पर चारधाम मंदिर से महाकाल मंदिर तक 210 मीटर लंबा पैदल पुल बनाया जाना है।

श्रद्धालु 100 मीटर दूर से मंदिर के शिखर का दर्शन कर सकें, इसके लिए बाधाएं हटाकर वहां उद्यान का निर्माण करना है। छोटे रद्रसागर का तट विकास, त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम मंदिर तक मार्ग चौड़ीकरण, महाकाल मैदान पर भूमिगत पार्किंग और हाकर्स जोन का निर्माण करना है। श्रद्धालु महाकाल मंदिर के पास अस्थायी निवास का आनंद ले पाएं, इस भावना से महाराजवाड़ा स्कूल भवन को हेरिटेज धर्मशाला में तब्दील करना है।

महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी रचना मेघदूतम् में महाकाल वन की जो परिकल्पना की है, उसके अनुरूप हेरिटेज धर्मशाला के आसपास शिव के प्रिय पौधों को रोपा जाना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इंदौर गेट रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक एयर टैक्सी चलाने के लिए रोप-वे का निर्माण किया जाना है।

इसके साथ ही रामघाट के प्राचीन मंदिर और दीवारों को पुरातन स्वरूप में निखारा जाएगा। वाकणकर ब्रिज के छोर पर शिप्रा किनारे मन्नत गार्डन वाली 3.25 हेक्टेयर जमीन पर सरफेस पार्किंग और मेघदूत वन योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर और राम घाट को एक परिसर में तब्दील किया जाएगा। सभी कार्य छह महीने पहले प्रारंभ किए गए थे।

कुछ प्रोजेक्ट बंद हैं और कुछ धीमी गति से चल रहे हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने जून- 2023 तक प्रोजेक्ट पूरा कराने के निर्देश स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ और ठेकेदार फर्म को दिए हैं। महाकालेश्वर मंदिर के पूर्वी क्षेत्र में ओंकारेश्वर मंदिर परिसर को 20 करोड़ रुपये से बड़ा किया जा रहा है। यहां वेटिंग हाल का निर्माण भी किया जा रहा है।

दूसरे चरण में जिन रास्तों का चौड़ीकरण किया जाएगा उन पर पुरातन स्वरूप में दीवारें बनाई जाएंगी। दीवारों पर सुंदर नक्काशी की जाएगी। भगवान शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित होंगी। पैदल ब्रिज पर भी नक्काशी होगी। अगले वर्ष से श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर के 100 मीटर दूर से शिखर दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए आठों दिशाओं से बाधाएं हटा दी गई हैं और सिर्फ लैंड स्केपिंग का कार्य शेष हैं। पहले चरण में महाकाल लोक में 351 करोड़ रुपये के काम हुए हैं। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को कर चुके हैं।

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