धर्म

29 सितंबर को मनेगा जिउतिया का त्योहार, जानें क्या है इसका महत्व…

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 29 सितंबर को पड़ रहा है। इसे जिउतिया व्रत भी कहा जाता है। संतान प्राप्ति व उनकी सलामती के लिए माताएं यह व्रत रखती हैं। इस दिन माताएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर जीवित्पुत्रिका का कठिन व्रत करती है।

 

यह व्रत 28 सितंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा तथा 30 सितंबर को पारण के साथ समापन किया जाएगा। आचार्यों के मुताबिक अष्टमी तिथि का योग 28 सितंबर को 3 बजकर 05 मिनट से 29 सितंबर की शाम 4.54 बजे तक रह रही है। ऐसे में 29 सितंबर को अष्टमी तिथि में सूर्योदय होने के कारण यह व्रत 29 सितंबर को मनेगा। जबकि व्रत का पारण 30 सितंबर की सुबह 6.05 बजे के बाद किया जाएगा।

 

इस संबंध में आचार्य श्रीकृष्णानंदजी पौराणिक ‘शास्त्री जी ने कहा कि इस साल जीवित्पुत्रिका का व्रत उत्तम व सर्वमान्य है। इसका समर्थन करते हुए ज्योतिषाचार्य पं.मुन्ना जी चौबे ने कहा कि 29 सितंबर को जिविउतिया का मुहूर्त श्रेयष्कर है।

 

 

हिन्दू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत का अनुष्ठान किया जाता है। इसको लेकर माताएं निराहार व्रत रखती हैं। मान्यता के अनुसार संतान के स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

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