मध्य प्रदेश

कमलनाथ बोले- चुनाव नहीं लड़ूंगा, तत्काल पार्टी का बयान आया- नाथ ने ऐसी घोषणा नहीं की

कमलनाथ के बयान से भोपाल से दिल्ली तक मची खलबली

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया था। अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि वे स्वयं अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं एक सीट पर नहीं फंसना चाहता, मुझे सभी 230 सीटें देखना है। मैं लगातार कहता आ रहा हूं कि मुझे पद की लालसा नहीं है। मैं तो प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित करने में लगा हुआ हूं।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले कई दिनों से कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर चल रही बयानबाजी को लेकर कहा कि पार्टी में सीएम के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारे यहां हर काम की एक प्रक्रिया है, व्यवस्था है। कमलनाथ ने पार्टी की चुनावी तैयारियों को लेकर कहा कि प्रदेश में जिन सीटों पर कांग्रेस लगातार हारती आ रही है, हमारी प्राथमिकता सबसे पहले वहां प्रत्याशी चयन को लेकर है, ताकि प्रत्याशियों को पर्याप्त समय मिले। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी कुछ मापदंड तय हैं, सभी बातों को ध्यान में रखकर नाम तय किए जाते हैं।

कमलनाथ का चुनाव न लड़ने का यह बयान तत्काल सोशल मीडिया पर चल गया और सियासी हलचल मच गई। राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। हालांकि, इस बयान का कांग्रेस ने थोड़ी देर बाद ही खंडन भी जारी कर दिया और कहा कि पीसीसी चीफ नाथ ने आगामी चुनाव नहीं लड़ने के विषय में कोई घोषणा नहीं की है। सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें पूरी तरह से भ्रामक हैं।

कमलनाथ के अनुभव के आगे अजय और अरुण अपरिपक्व : सज्जन वर्मा

कमलनाथ के इस बयान को लेकर मची सियासी हलचल के बीच कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ का राजनीतिक अनुभव वृहद है। उनके आगे अजय सिंह और अरुण यादव अपरिपक्व हैं। यह सब भाजपा द्वारा किया जा रहा षड्यंत्र है। इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। कांग्रेस में चेहरे पर कोई मतभेद नहीं है। वहीं एक और पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधो ने भी कहा कि कमलनाथ पार्टी का सर्वमान्य चेहरा हैं।

पीसी शर्मा बोले- कमलनाथ ही सीएम का चेहरा

इसी तरह पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी कहा है कि मध्यप्रदेश में सभी कांग्रेस नेता एक साथ हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ जी है। 2018 के पहले भी वे अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री बने। अभी भी अध्यक्ष हैं, उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस की सरकार बनेगी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। पीसी शर्मा ने भाजपा की शिवराज सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते। आपके यहां जितने मंत्री, नेता और केंद्रीय मंत्री सभी लगे हैं। आपके मुख्यमंत्री की टांग पकड़कर खींच रहे हैं। उनको बाहर करना चाहते हैं। इसलिए पहले अपने घर को देखिए।

कांग्रेस नेताओं के बयानों पर दिल्ली तक मची हलचल

दूसरी ओर, मप्र में कांग्रेस की रीति-नीति के विरोध में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और विधायक जीतू पटवारी के बयान पर कांग्रेस में भोपाल से दिल्ली तक हलचल मची हुई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर नाराजगी जताई है और उन्होंने इन नेताओं को सख्त हिदायत के साथ ही अरुण यादव और अजय सिंह ने कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताए जाने पर कहा था कि चुनाव के बाद विधायक दल मुख्यमंत्री को चुनता है।

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