मध्य प्रदेश

हेलमेट नहीं तो शराब नहीं, जबलपुर पुलिस ने दुकान संचालकों को दी हिदायत, लगवाए बैनर ….

भोपाल। सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत को रोकने और सुरक्षित यातायात के लिए प्रदेश में हेलमेट लगाओ अभियान शुरू किया गया है। पुलिस ने हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। हेलमेट को लेकर अब सड़कों पर चालानी कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अब टू व्हीलर चालक और पीछे बैठे सवार के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है। हेलमेट की अनिवार्यता के लिए पुलिस ने व्यापक स्तर पर अभियान छेड़ दिया है। इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश सभी कार्यालय प्रमुखों और अधिकारियों को दिए गए हैं।

इसी के चलते जबलपुर में पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सभी विभागों को पत्र लिखा गया है। इसमें बिना हेलमेट लगाए ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाए। अब सरकारी, लिमिटेड और प्राइवेट दफ्तरों के कर्मचारियों को हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही शराब दुकान संचालकों को भी हिदायत दी गई है कि दो पहिया वाहन पर सवार होकर शराब दुकान पर पहुंचने वाले सभी ग्राहकों के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा। जो भी शराब लेने के लिए बिना हेलमेट लगाए दुकान पहुंचेगा, उसे शराब ना दी जाए। हेलमेट लगाकर जो भी शराब लेने पहुंचेगा उसे ही शराब का विक्रय किया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने शराब दुकानों में बैनर और पोस्टर भी लगवा दिए हैं। इसी तरह पेट्रोल पंपों के संचालकों और सेल्समैन से कहा है कि वह अपने पंप पर एक बैनर लगाएं जिसमें साफ लिखा हो कि बाइक के लिए पेट्रोल तभी मिलेगा, जब सवार के सिर पर हेलमेट लगा होगा, क्योंकि हर ग्राहक सीसीटीवी कैमरे कर नजर में है।

गोरखपुर टीआई एसपीएस बघेल ने छोटी लाइन फाटक के पास स्थित शराब दुकान में पहुंचकर दुकान संचालक को समझाइश दी। इस दौरान पुलिस ने शराब दुकान में हेल्मेट नहीं तो शराब नहीं, का बैनर भी लगाया। टीआई बघेल ने शराब दुकान संचालक को समझाइश दी कि जो भी दो पहिया वाहन पर सवार होकर शराब लेने के लिए आएगा, अगर वह हेलमेट लगाकर नहीं आया तो उसे शराब ना दी जाए। इस तरह के हिदायत सभी शराब दुकान संचालकों को दी गई है।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर हाईकोर्ट ने दो पहिया वाहन की सवारी के साथ हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही इसका सख्ती से पालने करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों से हेलमेट को लेकर कार्रवाई के लिए कहा है। इसके तहत अब सरकारी, लिमिटेड और प्राइवेट दफ्तरों के कर्मचारियों को हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। शराब दुकान संचालकों को भी हिदायत दी गई है कि दो पहिया वाहन पर सवार होकर बिना हेलमेट शराब लेने आने वालों को शराब नहीं दी जाए। हेलमेट लगाकर पहुंचने पर शराब दी जाए। साथ ही 18 साल से अधिक आयु के छात्र-छात्राओं के लिए भी बाइक या स्कूटी चलाने के दौरान हेलमेट का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूल व कॉलेज जाने वाले शिक्षक व प्राध्यापक भी हेलमेट लगाकर अन्य लोगों को सिर की सुरक्षा के लिए प्रेरित करेंगे। यही नहीं, बाइक रिपेयर करने वाले प्रत्येक मैकेनिक को अपनी दुकान पर बाइक के साथ हेलमेट लगाने का संदेश देना होगा। मैकेनिक ऐसी किसी बाइक की सर्विस व उसे रिपेयर नहीं करेंगे, जिसके सवार के सिर पर हेलमेट नहीं लगा होगा। अन्यथा मैकेनिक भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

चूंकि आदेश हाईकोर्ट का है, इसलिए डीजीपी द्वारा बाइक सवार सिपाही व हवलदारों को भी हेलमेट लगाकर चलना अनिवार्य किया गया है। वाहन चेकिंग के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यदि उसमें पुलिस कर्मचारी बिना हेलमेट के नजर आएगा तो उस वीडियो के आधार पर सिपाही, हवलदार व थानेदार की विभागीय जांच हो सकती है और चालानी कार्रवाई भी। महिलाएं भी यह नहीं सोचें कि स्कूटी चलाने के दौरान उन्हें हेलमेट लगाने से छूट मिलेगी। महिलाओं से लेकर स्कूल व कॉलेज की छात्राओं को भी सोमवार से हेलमेट लगाकर चलना अनिवार्य किया गया है।

बिना हेलमेट पकड़े जाने पर महिलाओं से जुर्माने के 250 रुपए वसूल किए जाएंगे। शहर के प्रत्येक कोचिंग सेंटर को पाबंद किया गया है कि वह अपनी संस्था के प्रत्येक छात्र-छात्रा को जो बाइक या स्कूटी पर सवार होकर पढ़ने आते हैं, उनको हेलमेट लगाकर आने पर ही क्लास में प्रवेश दें। हेलमेट अभियान का एक फ्लेक्स बैनर कोचिंग सेंटर के अंदर भी अनिवार्य रूप से लगाना होगा। हेलमेट नहीं लगाने पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 128 और 129 के तहत वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी।

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