मध्य प्रदेश

जीपीएफ घोटाले की आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज निलंबित, 31 मार्च तक बढ़ाई पुलिस रिमांड

घोटाले के मास्टर माइंड समझे जाने वाले जेल प्रहरी रिपुदमन सहित 4 अन्य आरोपियों की भी पुलिस रिमांड 31 तक बढ़ी

उज्जैन। मध्यप्रदेश की उज्जैन स्थित भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में हुए 15 करोड़ से ज्यादा के पीएफ घोटाले की आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को कोर्ट ने 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट ने पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजेे, जेल प्रहरी रिपुदमन सहित अभी तक गिरफ्तार पांचों आरोपियों को भी रिमांड पर भेजा है। वहीं, जेल विभाग ने आज सोमवार को उषा राज के निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया है। इन सभी आरोपियों पर 68 जेल कर्मचारियों के डीपीएफ खाते से करीब साढ़े 13 करोड़ से अधिक की राशि के गबन का आरोप है।

ज्ञात हो कि मामला उजागर होने के बाद शुक्रवार की रात को जेल अधीक्षक उषा राज को इंदौर से गिरफ्तार कर लाया गया था और उन पर प्रकरण दर्ज किया गया, वहीं शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर भेजा गया था। मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज, अकाउंटेंट रिपुदमन, सटोरिया रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे और हरीश गेहलोत को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सभी को सोमवार तक कोर्ट ने रिमांड पर सौंपा था।दो दिन के रिमांड के दौरान पुलिस और एसआईटी ने उषा राज और जेल प्रहरी रिपुदमन सिंह को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। रिमांड के दौरान पुलिस रिपुदमन सिंह को उसके निवास पर ले गई थी और वहां से कुछ दस्तावेज भी जप्त किए हैं। इसके बाद रविवार दोपहर में जेल अधीक्षक उषा राज को भी उनके बंगले पर ले गई थी, जहां पर ताला लटका हुआ था। इस पर पुलिस ने उषा राज की लड़की को मोबाइल पर काल किया, जो स्विच ऑफ था। इस पर पुलिस ने बंगले के ताले तोड़े और कमरे की तलाशी ली। पुलिस ने यहां से भी कुछ दस्तावेज बरामद किए, वहीं एक महीने के सीसीटीवी फुटेज की हार्ड डिस्क भी पुलिस अपने साथ ले गई। इसके बाद पुलिस ने आज सुबह आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को 31 मार्च तक की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

रिमांड बढ़ने के बाद उषा राज : करने वाला कोई और है, मुझे फंसाया जा रहा

इससे पूर्व आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और मेडिकल जांच के बाद सीधे कोर्ट लाया गया। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 68 कर्मचारियों के भविष्य निधी खाते से 13.50 करोड़ के घोटाले के आरोप में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज व रिपूदमन सहित सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरिश गेहलोद को भैरवगढ़ पुलिस ने दो दिन की रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 31 मार्च तक पुलिस रिमांड बढ़ा दी। कोर्ट ने जैसे ही रिमांड अवधि बढ़ाई उसके बाद पूर्व जेल अधीक्षक पूरे समय रोती रही। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि नियम विरुद्ध मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, मेरे साथ अत्याचार हो रहा है। मेरी बेटी को भी फंसाया जा रहा है, ट्रेजरी ऑफिसर को छोड़ दिया, उसको कुछ नहीं कर रहे हैं। पीआर बढ़ा दिया, 15 दिन तक थाने में मुझे रख रहे। ऐसा नहीं होता है। मुझे विशवास नहीं कि में थाने के अंदर भी बच पाउंगी, मुझे फंसाया गया है, करने वाला कोई और है। दबाव बनाकर जबरदस्ती दस्तखत करवाते हैं।

जेल प्रहरी रिपुदमन बोला : सटोरियों की ली मदद

वहीं, घोटाले के मुख्य आरोपी रिपुदमन ने पुलिस को बताया कि इस गबन की मास्टरमाइंड पूर्व जेल अधीक्षक मेडम उषा राज हैं। मेडम के आदेश पर ही राशि निकाली गई। मुझे तो सिर्फ 10% हिस्सा ही मिला। मैडम अपने विश्वसनीय के जरिए सटोरियों के खाते में राशि ट्रांसफर करवाती थीं, फिर उन्हें 10% कमीशन देकर नकद राशि ले लेती थी।

दो दिन की पूछताछ में कई सबूत मिले : सीएसपी

सीएसपी श्री मौर्य ने बताया कि पूर्व जेल अधीक्षक और अकाउंटेंट से पिछले दो दिनों से पूछताछ की जा रही है, जिसमें कई सबूत मिले हैं और कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, लेकिन अभी पूछताछ पूरी नहीं हो पाई है। दो दिन की अवधि पूरी होने पर आज फिर से इन दोनों को कोर्ट में पेश किया गया और रिमांड बढ़ाने की मांग की गई थी, जो स्वीकार कर ली गई। अब आरोपियों से पूछताछ कर बाकी के सबूत हासिल किए जाएंगे, ताकि उन्हें उनके किए की सजा दिलाई जा सके।

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