मध्य प्रदेश

उज्जैन जेल में 12 करोड़ से अधिक का गबन: जेल कर्मियों की जीपीएफ राशि फर्जी तरीके से निकाली

मामला सामने आने के बाद बाबू परिवार सहित फरार, जेल सुपरिन्टेंडेंट ने लगाई छुट्‌टी की अर्जी

भोपाल/उज्जैन। मध्यप्रदेश की उज्जैन की सेंट्रल जेल में 12 करोड़ रुपए से अधिक के गबन का मामला सामने आया है। जानकारी सामने आने के बाद जेल विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है। यह गबन उज्जैन के भैरवगढ़ स्थित सेंट्रल जेल और इससे जुड़ी उपजेलों के कर्मचारियों के जीपीएफ की राशि का बताया जा रहा है। बहरहाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मामले की जांच बैठा दी है और ट्रेजरी ऑफिसर को धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए है।
इधर, एफआईआर दर्ज होने का पता चलते ही जेल का एक बाबू घर पर ताला लगाकर परिवार सहित फरार हो गया है। वहीं, मामला तूल पकड़ते देख रविवार को जेल सुपरिन्टेंडेंट उषा राज द्ववारा छुट्‌टी की अर्जी लगा दी गई है। दूसरी ओर, अतिरिक्त जिला कोषालय अधिकारी सुरेंद्र भामर ने भैरवगढ़ थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें जेल में अनियमितता और फर्जी भुगतान के संदर्भ में भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में पदस्थ बाबू रिपुदमन सिंह को धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में आरोपी बनाया गया है। दरअसल, मामला उस समय उजागर हुआ, जब, जेल के मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी के भविष्य निधि खाते से 12 लाख रुपए और प्रहरी उषा कौशल के जीपीएफ के 10 लाख रुपए निकाल लिए गए। जेल के बाबू रिपुदमन ने यह रकम निकालकर बैंक ऑफ इंडिया भैरवगढ़ के खाते में ट्रांसफर की। इसके बाद तो एक के बाद एक कई मामले सामने आने लगे। इसमें कई कर्मचारी तो ऐसे भी हैं, जिन्हें पता ही नहीं चला और उनके आवेदन के बिना ही उनका जीपीएफ का पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर हो गया।मामला उजागर होने के बाद से विभाग में हड़कंप मच गया।

आरोपी बाबू के घर लटका ताला और चस्पा किया गया नोटिस।

आरोपी बाबू के घर नोटिस किया चस्पा, की जा रही तलाश

केस की जांच कर रहे भैरवगढ़ थाने के सब इंस्पेक्टर सत्यनारायण प्रजापति के अनुसार आरोपी बाबू परिवार समेत फरार हो गया है। उसके घर पर नोटिस चस्पा किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह पता चल पाएगा कि उसने ये गबन अकेले किया या अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं। किन खातों में कितनी-कितनी रकम ट्रांसफर हुई है, सब कुछ जांच के बाद ही पता चलेगा। बैंक खाते सीज कराने से लेकर कॉल डिटेल जांच की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरोपी की तलाश जोरशोर से की जा रही है।
आरोपी रिपुदमन सिंह

कलेक्टर बोले… ढाई साल से चल रहा था गबन का खेल
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया रकम बड़ी है। कर्मचारियों के जीपीएफ को मैनिपुलेट कर यह गड़बड़ी की गई है। इसमें एक कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज किया है। ट्रेजरी से जब पेमेंट होता है तो अकाउंट नंबर का काम जेल अधीक्षक ही करता है। ढाई साल से ये सब चल रहा था। अब मामला सामने आने के बाद केस दर्ज करा दिया गया है। भोपाल से आकर एक टीम भी इसकी जांच करेगी। हमने कमिश्नर ट्रेजरी और डीजी जेल से आग्रह किया है कि इसमें जेल अधिकारी की भूमिका है। कलेक्टर ने बताया कि जीपीएफ सेंसस कार्यालय प्रमुख ही करता है। इसका बाकायदा आवेदन होता है। बिना आवेदन के कर्मचारी का पैसा निकल गया। यह मामला बड़ा है। करीब 12 करोड़ रुपए का घोटाला है। ये राशि और भी बढ़ सकती है। जांच में जो लोग लिप्त पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई होगी।

Back to top button