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शराबबंदी वाले बिहार में शराब के नशे में धुत डॉक्टर गिरफ्तार, ड्यूटी पर रोज दारू पीकर आता हैं डॉक्टर; विवादों से है पुराना नाता …

पटना। उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली कि कामाख्या कॉलोनी में कोई शराब पी रहा है। सूचना के आधार पर मंगलवार की रात में उत्पाद विभाग की टीम ने कामाख्या कॉलोनी में छापेमारी की, जहां सीएचसी जगदीशपुर के प्रभारी डॉ. आशुतोष कुमार के पास से साढ़े सात सौ मिलीलीटर की बोतल में शराब मिली। आधी शराब का इस्तेमाल हुआ था और आधी बची हुई थी।

मंगलवार की रात सीएचसी जगदीशपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उत्पाद विभाग की टीम ने नशे की हालत में गिरफ्तार किया। उनके पास से शराब भी बरामद की गई। टीम ने बरामद शराब को जब्त करते हुए उनके खिलाफ उत्पाद थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद बुधवार को उन्हें न्यायिक अभिरक्षा के जरिये जेल भेज दिया।

जिस वक्त चिकित्सक पकड़ा गया, उस वक्त वह नशे में चूर थे। इसके बाद टीम ने बरामद शराब को जब्त करते हुए चिकित्सक की एल्कोहल जांच करायी। उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा के जरिये जेल भेज दिया गया।

सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि नशे में पकड़े जाने की सूचना मिली है। पूरे मामले से अवगत कराते हुए डॉ. आशुतोष कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पटना को पत्र लिखा जाएगा।

शराब के नशे में गिरफ्तार चिकित्सक डॉ. आशुतोष कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है। इनके खिलाफ दो-दो जांच चली। शराब पीकर ड्यूटी पर आने का आरोप भी लगा। इनकी बदकिस्मती कहें या फितरत, चल रही एक जांच की रिपोर्ट पर कार्रवाई भी उस दिन हुई, जिस रात वे शराब के नशे में उत्पाद विभाग की टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये। नशे के मामले में जेल गये चिकित्सक की सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पद से छुट्टी हो गयी। प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई।

सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि डॉ. आशुतोष कुमार की प्रभारी पद से छुट्टी करते हुए सीएचसी जगदीशपुर का नया प्रभारी नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी रहे डॉ. बीबी मंडल को बनाया गया है। साथ ही हेल्थ मैनेजर अरुणिमा को अनुमंडल अस्पताल नवगछिया का हेल्थ मैनेजर बनाया गया है। सीएस ने बताया कि अरुणिमा व डॉ. आशुतोष कुमार ने अपना-अपना गुट बना लिया था। दोनों एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। दोनों के आरोपों की जांच को लेकर एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी के नेतृत्व में टीम गठित की गयी। टीम कीक रिपोर्ट मिली तो दोनों को दोषी मानते हुए दोनों को पद से मुक्त कर दिया गया।

डॉ. आशुतोष कुमार के खिलाफ मुख्यालय स्तर पर शिकायत की गयी थी। कमिश्नर के पास ये मामला पहुंचा तो उन्होंने क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं भागलपुर प्रमंडल को जांच की जिम्मेदारी दी।

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