मध्य प्रदेश

सरकार ने शराबबंदी की ओर बढ़ाए कदम… प्रदेश में शराब अहाते होंगे बंद, संघ के दखल के बाद प्रदेश की शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी

उमा भारती के शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का दबाव भी आया काम, शिक्षण संस्थाओं और धार्मिक स्थलों से सौ मीटर दूर रहेंगी शराब दुकानें

भोपाल। संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात और फिर मंत्रियों को 19 तारीख को भोपाल में रहने के निर्देश के पीछे की कहानी रविवार को सामने आ गई। प्रदेश की शराब नीति में बदलाव हुआ है। फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने शराब के अहातों को बंद करने के लिए अभियान छेड़ रखा था। उनके दबाव के चलते ही नीति की तारीख में बदलाव हुआ। नई नीति के अनुसार पूरे प्रदेश में शराब के अहाते बंद होंगे। इसका मतलब ये है कि प्रदेश में अब शराब दुकानों पर बैठकर शराब नहीं पी सकेंगे। यानी दुकानों से शराब की बिक्री तो होगी, लेकिन वहां बैठकर पीने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी प्रदेश में सभी अहाते भी बंद किए जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान की मोहन भागवत से मुलाकात के पीछे भी यही कारण था। उमा भारती शराब नीति में बदलाव से कम पर झुकने को राजी नहीं थीं। संभवत: संघ प्रमुख ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और उसके बाद ही अहाते बंद करने, स्कूल, कॉलेज और धार्मिक स्थलों से सौ मीटर की दूरी पर शराब दुकानें रखे जाने का भी फैसला हुआ। कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में शराब को हतोत्साहित करने के लिए अहम फैसले लिए गए हैं। पूरे प्रदेश में शराब के अहाते बंद करने और शराब की दुकानों पर बैठकर शराब पीना प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा सभी धार्मिक व शैक्षणिक स्थानों से शराब की दुकान 100 मीटर दूर होंगीं। मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2010 के बाद प्रदेश एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली गई है।

ये निर्णय रविवार को हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बैठक में नई शराब नीति पर चर्चा की गई। इसमें अहम फैसले भी लिए गए। बैठक में तय किया गया कि अब धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं, गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, हॉस्टल से शराब दुकान की दूरी 100 मीटर करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। पहले यह दूरी 50 मीटर थी।

उमा भारती की जीत

सरकार की नई शराब नीति को उमा की जीत माना जा रहा है। अहाते बंद कराने उमा भारती लगातार आन्दोलन कर रही थीं। वे शराब की दुकानों पर पत्थर व गोबर फेंक चुकी थीं। उन्होंने पिछले दिनों ओरछा में शराब की दूकान पर गाय बांध कर संदेश दिया था कि मधुशाला को गौशाला बनाया जाए।

सरकार को होगा 3 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

प्रदेश  सरकार को शराब से लगभग 14000 करोड़ की आय होती है। नई नीति से लगभग 3000 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

संघ के दखल के बाद आई नई शराब नीति

सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर पहुंचकर संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत से प्रदेश की  शराब नीति और उमा भारती के बगावती तेवरों को लेकर चर्चा की थी। बताया जाता है कि संघ प्रमुख ने साफ कहा कि शराब को लेकर जो मुद्दे उमा भारती उठा रही हैं उनसे संघ सहमत है। गुजरात में शराब बंदी के बाद भी वहां भाजपा लगातार जीत रही है तो मप्र में शराब को हतोत्साहित करने का काम तो किया ही जाना चाहिए। संघ प्रमुख से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नई शराब नीति के लिए पांच मंत्रियों की एक  समिति बनाई। समिति की बैठक कब हुई किसी को नहीं पता, लेकिन प्रदेश की नई  शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

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