मध्य प्रदेश

बजट सत्र में 15 मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र लाएगी कांग्रेस: जीतू पटवारी

25 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष

भोपाल। आगामी 27 फरवरी से शुरू हो रहे मप्र विधानसभा के बजट सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों ही पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। चुनावी साल होने के कारण सरकार इसे जहां लोकलुभावन रूप देने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस सत्र के दौरान शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी इस सत्र में 15 मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र लाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कहने को एक महीने का सत्र होगा, लेकिन यह सरकार की गुमराह करने की कोशिश है। इस सत्र में सिर्फ 13 दिन बैठकें होंगी। 13 दिन में भी 10 दिन बजट पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि मेरा विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध है कि यदि सत्र नहीं चलता है, तो अध्यक्ष की गरिमा भी गिरती है। इस तरह के सत्र के प्रस्ताव की मैं निंदा करता हूं।

सीएम के खिलाफ दिए गए आरोप पत्र का जवाब नहीं दिया

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि इस विस सत्र में कांग्रेस 15 मंत्रियों के खिलाफ फिर आरोप पत्र लेकर आएगी। आर्थिक हालात को लेकर मप्र की सरकार जवाब दे। मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दिया था। उसका जवाब सीएम ने सदन में नहीं दिया। अब जो सत्र आएगा, उसमें वो आरोप पत्र सदन में रखूंगा। 15 मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करूंगा। कांग्रेस ने आरोप पत्र में जो आरोप लगाए हैं, सरकार को उनके जवाब देना चाहिए।

जीतू पटवारी ने आने वाले बजट को लेकर सरकार पर कसा तंज

आगामी बजट को लेकर पटवारी ने कहा कि जो बजट बनेगा, उसे मैं सामने आने से पहले ही आपके सामने रख रहा हूं। इस सरकार का जो बजट है, उसमें से 30% राशि भृष्टाचार में देनी है। करप्शन, गबन करना है और 20% राशि में से कर्ज देना है। बाकी बची 50% राशि से सैलरी देनी है। विधायकों, सांसदों के घर ठीक कराने हैं। मंत्रियों की अय्याशियों पर पैसे खर्च करने हैं। थोड़ा बहुत 10% जो बचता है उसमें से सीएम अपने मीडिया इवेंट और छवि सुधारने में खर्च करते हैं। ये मप्र का बजट है।

जीते बोले- 20 साल का सीएम 15 महीने के सीएम से सवाल कर रहा

जीतू पटवारी ने आगे कहा कि कुछ दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज हमारे नेता कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं। 20 साल का सीएम 15 महीने के सीएम से सवाल करता है। यह लोकतंत्र का हनन है। लोकतंत्र में सरकार से विपक्ष और मीडिया सवाल करता है, लेकिन सरकार विपक्ष से सवाल करे, यह कैसा लोकतंत्र है। पटवारी ने सीएम से पूछा कि बेरोजगारों की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है? अडानी समूह जिसने महाअपराध किया है, उसमें शिवराज सरकार की भूमिका क्या है, उन्हें कितनी जमीन दी गई? ऐसे कई सवाल जनता के मन में हैं, लेकिन सरकार उनका जवाब नहीं दे रही, उल्टे विपक्ष से सवाल कर रही है।

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